कोरबा। कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्वसमाज के आह्वान पर बुलाया गए प्रदेशव्यापी बंद का असर उर्जानगरी कोरबा में भी देखने को मिला। कहीं स्वस्फूर्त तो कहीं हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर दुकानें बंद कराईं।
निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की सक्रियता से तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं। हालांकि दोपहर उपरांत कई दुकानों के के पट खुल गए ,फिर भी सर्वसमाज का बंद सफल ही रहा।

गौरतलब हो कि यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई। विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।

हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।
विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।
👉आईटीआई ,घंटाघर में बहस ,दोपहर बाद खुल गई कई दुकानें


बंद के आव्हान के बावजूद व्यवसायिक दुकानों के पट बंद नहीं करने पर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं एवं दुकानदारों के बीच आईटीआई कोर्ट परिसर के बाहर व घण्टाघर चौक परिसर में बहस की स्थिति निर्मित हो गई। हालांकि मौके की नजाकत को भांपते हुए दुकानदारों को ही झुकना पड़ा और बहस उपरांत उन्होंने दुकानें बंद किया।
