गौरेला -पेंड्रा -मरवाही । आमतौर पर कानून और सख्ती के लिए पहचानी जाने वाली खाकी वर्दी का एक मानवीय और संवेदनशील रूप मरवाही थाने में देखने को मिला, जहां पुलिस ने न केवल एक प्रेमी जोड़े को सुरक्षा दी, बल्कि उन्हें जीवनभर के बंधन में बंधने में भी अहम भूमिका निभाई।
मरवाही थाना परिसर स्थित शिव मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ एक प्रेमी जोड़े का विवाह संपन्न कराया गया। यह प्रेरणादायक पहल थाना प्रभारी शनिप रात्रे की संवेदनशील सोच और मानवीय दृष्टिकोण का परिणाम रही।
👉परिजनों की असहमति बनी थी बाधा
यह मामला मरवाही थाना क्षेत्र के धूम्माटोला बहरीझोरकी निवासी 21 वर्षीय संजय सिंह और मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के बेलिया छोट गांव की 20 वर्षीय मीरा सिंह से जुड़ा है। दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे और विवाह करना चाहते थे, लेकिन परिजनों की असहमति के कारण उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा था।अपने प्रेम और जीवन की सुरक्षा के लिए दोनों बालिग युवक-युवती मरवाही थाने पहुंचे और पुलिस से सहायता की गुहार लगाई।
👉पुलिस की समझाइश से बनी सहमति

मामले की गंभीरता और दोनों के परिपक्व निर्णय को देखते हुए थाना प्रभारी शनिप रात्रे ने मानवीय पहल करते हुए दोनों पक्षों के माता-पिता और परिजनों को थाने बुलाया। उन्होंने उन्हें कानूनी प्रावधानों और सामाजिक पहलुओं की जानकारी दी तथा शांतिपूर्ण ढंग से समझाइश की। थाना प्रभारी की पहल के बाद परिजन विवाह के लिए सहमत हो गए।
👉थाने में बना विवाह मंडप
परिजनों की सहमति मिलते ही थाना परिसर स्थित शिव मंदिर को विवाह मंडप का स्वरूप दिया गया। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार वर-वधू ने फेरे लिए, वरमाला पहनाई गई और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में विवाह की सभी रस्में संपन्न हुईं।
विवाह के बाद परिजनों ने नवदंपती को आशीर्वाद दिया। वहीं संजय और मीरा ने अपने सपनों को साकार करने में सहयोग देने के लिए मरवाही पुलिस और थाना प्रभारी का आभार जताया।
👉समाज के लिए संदेश
यह घटना पुलिस के मानवीय चेहरे को उजागर करने के साथ यह संदेश भी देती है कि जब कानून संवेदनशीलता और समझदारी के साथ आगे आता है, तो वह केवल व्यवस्था नहीं संभालता, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की मिसाल भी बनता है।
