KORBA : जुआ प्रकरण में निलंबित TI को SP ने 10 दिन में ही कर दिया बहाल ,कार्रवाई पर उठने लगे सवाल !

कोरबा । कोरबा जिले में एक थानेदार को निलंबित करने के 10 दिन बाद ही एसपी ने बहाल कर दिया है। आपको बता दे ये वही थानेदार है, जिनके क्षेत्र में जुआ के फड़ पर पुलिस की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई कर जुआड़ियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के दूसरे दिन ही एक जुआरी के खुलासे ने पुलिस की संयुक्त टीम की कार्रवाई पर ही सवालिया निशान लगा दिया था। जिसके बाद अब एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने निलंबित थानेदार के विरूद्ध जांच पूरी होने से पहले ही उसके निलंबन को समाप्त कर बहाल करने का आदेश आज जारी कर दिया है।

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को सायबर सेल, उरगा थाना और रजगामार पुलिस चौकी की संयुक्त टीम ने जुआ के फड़ पर छापामार कार्रवाई की थी। पुलिस टीम ने छापा की इस कार्रवाई में 20 जुआरियों से 2.5 लाख रूपये नगद, 23 बाइक और मोबाइल फोन जब्त किये थे। पुलिस की संयुक्त टीम ने रेड की इस कार्रवाई के बाद उक्त जुआ का फड़ करतला थाना क्षेत्र के भेलवाटार के जंगल में चलने का खुलासा किया गया। जिसके बाद एसपी ने करतला थाना प्रभारी कृष्ण कुमार वर्मा का पक्ष जाने बगैर ही तत्काल एक्शन लेते हुए निलंबन की कार्रवाई कर दी थी।

यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन पुलिस की संयुक्त टीम की इस कार्रवाई के बाद गिरफ्तार जुआरियों में से एक ने मीडिया के सामने इस पूरी कार्रवाई की पोल खोल दी थी। जुआरी ने कैमरे के सामने ये खुलासा करते हुए बताया कि वे सभी रजगामार के चाकामार जंगल में जुआ खेल रहे थे, तभी पुलिस की टीम ने छापामार कार्रवाई कर उन्हे पकड़ लिया। आपको बता दे चाकामार का जंगल बालको थाना अंतर्गत रजगामार पुलिस चौकी क्षेत्र में आता है। ऐसे में जुआरी के इस खुलासे के बाद पुलिस की संयुक्त टीम की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गयी।

वहीं एसपी के इस एक्शन के बाद पुलिस विभाग के अंदरखाने में कुछ एक थानेदारों के हावी होने की वजह से कार्रवाई की गाज दूसरे थानेदार पर होने की चर्चाएं तेज हो गयी थी। सायबर सेल, उरगा थाना और रजगामार पुलिस चौकी की ये संयुक्त कार्रवाई सवालों के घेरे में आने के बाद एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने निलंबित थाना प्रभारी कृष्ण कुमार वर्मा के निलंबन को खत्म कर बहाल कर दिया है। एसपी ने आदेश में स्पष्ट किया है कि निलंबन अवधि का निराकरण लंबित जांच के अंतिम निराकरण में किया जायेगा।

एसपी सिद्धार्थ तिवारी के इस आदेश के बाद एक बार फिर चर्चा तेज है कि आखिर जब विभागीय जांच जारी थी, तो निलंबित निरीक्षक को बहाल करने की जल्दबाजी क्यों ? सवाल ये भी है कि क्या पुलिस इस बात की जांच करेगी कि आखिर जुआरियों को वास्तव में किस थाना क्षेत्र के जंगल से पकड़ा गया ? अगर जुआरियों की बात में सच्चाई है, तो फिर संयुक्त जांच टीम ने एसपी को गलत रिपोर्ट क्यों दी ? ये वो सवाल है जिसने जुआ के मामले में पुलिस की संयुक्त टीम की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिया है। ऐसे में पुलिस की जांच में क्या खुलासा होता है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।