हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेशव्यापी आव्हान पर जिला इकाई कोरबा,एवं समस्त ब्लॉक इकाई द्वारा वेतन विसंगति, उपचार सुविधा सहित 11 सूत्रीय मांगों के समाधान हेतु मोदी की गारंटी लागू करो अभियान के अतंर्गत तृतीय चरण में 3 दिवसीय जिला स्तरीय कलमबंद ,कामबंद आंदोलन के पहले दिन ही सोमवार को उर्जानगरी कोरबा में हड़ताल का व्यापक असर दिखा। कलेक्टोरेट परिसर के जिला दंडाधिकारी ,सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय समेत तमाम शाखाओं ,विभागों के जिला कार्यालयों में ताले लटके नजर आए। कुछ विभागों में औपचारिक नाम कार्यालय के पट खुले भी मिले तो लिपिकवर्गीय कर्मचारियों की कुर्सी खाली रही। जिसकी वजह से आवश्यक कार्यों के लिए पहुँचने वाले लोग भटकते परेशान निराश नजर आए। इधर आईटीआई तानसेन चौक के सामने धरना स्थल में जहाँ जिला इकाई के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की तो ब्लॉक मुख्यालयों में ब्लॉक इकाई के कर्मचारियों ने भी हुंकार भरी।


छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला इकाई कोरबा के आह्वान पर जिले के कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तानसेन चौक कोरबा में आयोजित आंदोलन के पहले ही दिन शासन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध शांतिपूर्ण अनुशासित एवं लोकतांत्रिक ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया, आंदोलन में कर्मचारियों ने एकजुट होकर अपनी जायज मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। फेडरेशन द्वारा प्रमुख रूप से निम्न मांगों पर जोर दिया गया— _केंद्रीय कर्मचारियों के समान नियत तिथि से मंगाई भत्ता प्रदान किया जाए, चार स्तरीय समय मान वेतनमान लागू किया जाए, सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए ,अर्जित अवकाश नगदीकरण की सीमा में वृद्धि कर 300 दिन किया जाए, सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि कर 65 वर्ष किया जाए, सभी विभागों की वेतन विसंगति दूर किया जावे, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए सभी लाभ सहित कुल 11 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। फेडरेशन के पदाधिकारी के. आर. डहरिया ,जगदीश खरे, डॉ . तरुण सिंह राठौर ,ओमप्रकाश बघेल, संजय शर्मा, नित्यानंद यादव द्वारा कहा गया कि कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर शासन से अपेक्षा कर रहे हैं किंतु अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है इसी उपेक्षा के कारण कर्मचारियों को आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ा है, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शासन द्वारा मांगों पर शीघ्र सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो यह आंदोलन आगामी दिनों में और अधिक व्यापक रूप लेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी प्रथम दिवस के सफल आयोजन से कर्मचारियों में उत्साह का संचार हुआ है तथा 30 दिसंबर एवं 31 दिसंबर को भी आंदोलन को और अधिक मजबूती के साथ जारी रखने का संकल्प लिया है।फ़ेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा 30दिसंबर के आंदोलन मे कर्मचारी अधिकारी साथियों को सत प्रतिशत उपस्थिति हेतु अपील की गई है।
👉दफ्तरों में लटके रहे ताले ,जनता दिखी परेशान

अधिकारी कर्मचारी वर्ग के 3 दिवसीय हड़ताल से अनभिज्ञ आमजन सोमवार को हफ्ते का पहला कार्यदिवस होने की वजह से कलेक्टोरेट व परिसर के विभिन्न शासकीय दफ्तर पहुंचे । लेकिन तालाबंदी की वजह से उन्हें निराश वापस लौटना पड़ा। हालांकि कलेक्टर जनदर्शन किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था कर आयोजित कराई गई लेकिन अन्य कार्यालयों में उन्हें मायूसी ही मिली। हड़ताल का ऐसा असर दिखा कि आवक जावक ,अधीक्षक कार्यालय ,रिकार्ड रूम,शिकायत शाखा , से लेकर कॉफी हाउस की कैंटीन में ताले जड़े मिले । जिला दंडाधिकारी के न्यायालय व सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय तक मे ताले लटके रहे। जनपद पंचायत तक में वीरानी छाई रही। भृत्य आवक जावक जैसे शाखा का कार्य दायित्व निर्वहन करते नजर आए।खाद्य विभाग,आदिवासी विकास विभाग ,महिला एवं बाल विकास विभाग , पीएचई ,मछलीपालन ,
पीएमजीएवाय , में दफ्तर तो खुले रहे पर अधिकारी व बाबू नदारद रहे।
👉ये हैं 11 सूत्रीय मांगे
- केन्द्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि में मंहगाई भत्ता लागू किया जाए।
- DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समान वेतनमान दिया जाए।
- लिपिकों ,शिक्षकों ,स्वास्थ्य विभाग ,महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगति को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजानिक किया जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए सपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतन दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
7 . अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में 10 % सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए।
- प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
9 . अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
- दैनिक अनियमित संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
- सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए।
