रायगढ़। आज रायगढ़ चक्रधरनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत केलोविहार कालोनी में दो सगे भाइयों की फांसी के फंदे पर लाश टंगी हुई मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर चक्रधरनगर थाना प्रभारी अभिनवकांत सिंह टीम के साथ घटना स्थल पर पहुँचें और परिजनों की उपस्थिति में दोनों शवों को नीचे उतारा गया।
बताया जा रहा कि दोनों मृतक भाई तमनार थाना क्षेत्र के बांधापाली के रहने वाले हैं जो 2004 – 05 से परिवार के साथ रायगढ़ केलो विहार में निवासरत थे और उनके पिता बिलासपुर में कार्यरत हैं।
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मृतक के चचेरे भाई नरेंद्र चौधरी ने बताया कि छोटा वाला भाई हरेकृष्ण चौधरी उम्र 25 वर्ष जो एनआईटी से बीटेक किय था जो मानसिक रूप से विक्षिप्त तथा पूर्व में भी दसवीं क्लास में वह घर से भाग गया था । इसके बाद वह दिल्ली में कुछ दिन गुजरकर घर वापस आया था। नरेंद्र ने बताया कि हरे कृष्णा चौधरी पूर्व में भी माह दो माह के अंदर घर से भाग जाने की घटना को दोहराता रहता था। हरे कृष्णा चौधरी पढ़ाई में बहुत होशियार था जो बिस्किट का पैकेट खाने से पहले उससे घंटों निरीक्षण करता था वह कभी चावल नहीं खाता था और रोटी में भी अगर जला हुआ भाग मिल जाए तो उसे काट कर हटा देता था। मृतक अविनाश चौधरी उम्र 32 वर्ष जेपीएल तमनार में इंजीनियर के पद पर कार्यरत था जिसका आज ए शिफ्ट ड्यूटी था परंतु ड्यूटी पर ना जाकर दोनों भाइयों ने मौत को गले लगा लिया।
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परिजन नरेंद्र चौधरी ने बताया कि बड़ा भाई अविनाश चौधरी की शादी बीते 29 जून को हुई थी पत्नी ईश्वरी चौधरी मृतक के साथ रहती थी दोनों खुशहाली पूर्वक जीवन यापन कर रहे थे। शादी से पूर्व 6 माह पहले भी शादी की बात हुई थी परंतु हरे कृष्णा ने शादी ना करने की बात कहा जिसके बाद शादी नहीं हुई।लेकिन 29 जून को शादी हुई। हरेकृष्णा मानसिक रूप से कमजोर था जिससे वह गुस्सा के समय सामानों को पटकता था पूर्व में भी वह दो मोबाइल तोड़ चुका था।
घटनास्थल से मिला सुसाइड नोट
मिली जानकारी अनुसार घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुई है जिसमें दोनों भाइयों ने दस्तखत करते हुए लिखा है कि हम अपनी मर्जी से फांसी लगाकर जान दे रहे हैं इसमें किसी की कोई गलती नहीं है।मृतक अपने पत्नी ईश्वरी चौधरी व मा चंपा चौधरी को रविवार के दिन घर बंधापाली में छोड़कर गुरुवार को वापस रायगढ़ लौट आए थे। परिजनों ने बताया कि मानसिक रूप से विक्षिप्त हरे कृष्ण का इलाज कराने हेतु कल दोनों बिलासपुर गए हुए थे पूर्व में भी हरे कृष्ण के इलाज रांची में कराया गया था जहां उसने यह बात भी कही थी की मैं और आगे 6 माह के बाद जीवित नहीं रहूंगा।
आज अविनाश ड्यूटी पर नहीं गया था, घर वाले सुबह इनसे बात किये थे , दोपहर 12:40 तक बत हुई है । उसके बाद दोनों का मोबाइल बंद बताया । तब अविनाश का चाचा का लड़का शाम 4:00 बजे तमनार पाता से चक्रधरनगर केलो विहार आया, मकान के बाहर का दरवाजा ताला बंद था । चचेरा भाई दीवार फांद कर मकान में जाकर देखा तो उसे दोनों भाई का शव छत में फांसी पर टंगा हुआ दिखा । आनन-फानन में पड़ोसियों को बताते हुए सूचना थाना चक्रधरनगर को सूचना दिया गया जिस पर थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ जांच में आए । मौके से एक सुसाइडल नोट मिला है जिसमें आत्महत्या करने का जिक्र है ।
फिलहाल चक्रधर नगर पुलिस मर्ग कायम कर मामले की प्रत्येक एंगल से विवेचना कर रही है और मौत की असल वजह का पता लगाया जा रहा है।