जो जोखिम नहीं उठा रहे वो क्या जानें दर्द ,प्रगतिशील शिक्षक समुदाय है फर्जी

समस्त शिक्षक संघ ने किया निंदा प्रस्ताव पारित,डीईओ के मौखिक अव्यवहारिक आदेश का मामला

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा।
डीईओ के द्वारा जारी किए गए मौखिक नो वर्क-नो पे और किसी शिक्षक परिवार के सदस्य के पॉजीटिव आने के बाद भी शिक्षक को होम आइसोलेट न रहकर ड्यूटी पर आने के फरमान को लेकर शिक्षा जगत में उठा-पटक मची हुई है।इसी बीच समस्त शिक्षक संघों ने डीईओ के समर्थन में पत्र जारी करने वाले प्रगतिशील शिक्षक समुदाय को अपंजीकृत और फर्जी करार देते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया है ।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के द्वारा इस संबंध में कोरबा सांसद, राजस्व मंत्री, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस तरह के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए राहत की मांग की गई जो अब तक नहीं मिली है। बयानों के सिलसिले में जिला शिक्षा अधिकारी के पक्ष में प्रगतिशील शिक्षक समुदाय भी सामने आया जिसमें प्राय: सभी प्राचार्य हैं, के द्वारा सोशल मीडिया में शिक्षक संगठनों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर राहत की मांग कर रहे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। इस विषय को लेकर शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन, छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, अजाक्स, शिक्षक कांग्रेस, छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक संघ, छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ से सुरेश द्विवेदी, तरूण सिंह राठौर, जेपी कोसले, जेपी उपाध्याय, एसएन शिव, प्रदीप गुप्ता, राधेश्याम मिश्रा व छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल द्वारा अपंजीकृत प्रगतिशील शिक्षक समुदाय के प्रति निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। बता दें कि यह दूसरा मौका है जब शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर खलबली मची है और आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।