रुपानाधाम स्टील डायवर्सन का मामला
रायगढ़। गेरवानी – सराईपाली ग्राम में सन २००८ में स्थापित उद्योग की २७.५ एकड़ जमीन का डायवर्सन सितंबर २०२० में घरघोड़ा में मात्र 2 हजार रुपए का अर्थदंड लगाकर कर दिया गया है। एसडीएम द्वारा उद्योग घराने पर की गई इस मेहरबानी की पूरे जिले में चर्चा है ।
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सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है । खास बात ये है कि अनुसूचित क्षेत्र में बिना डायवर्सन करवाए कोई उद्योग १२ वर्षों तक चलता रहता है और प्रशासन को भनक तक नहीं लगती । मामले में पर्यावरण विभाग की कार्यप्रणाली भी निशाने पर है । जिसने बिना डायवर्सन वर्ष २००८ में उद्योग लगाने की अनुमति दे दी | ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं रही होगी ! जन चेतना सदस्य रमेश अग्रवाल ने न निचले अधिकारियों से लेकर आला अधिकारियों तक मामले की शिकायत की थी बल्कि मामले को एनजीटी भी लेकर गए थे
दूसरा सवाल ये है कि इस प्रकार के मामलों में कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसिजर, १९७३ की धारा १३३ के तहत उद्योग के विरुद्ध मामला भी दर्ज किया जाना चाहिये था जो कि नहीं किया गया | निश्चित तौर पर शासन प्रशासन उद्योगों को विकासदूत मानता है, इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन नियम कायदों की तिलांजलि देने से प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका विश्वशनीयता पर जनमानस के मन में भी सवाल उठते हैं । इस दिशा में प्रशासन को गंभीरता से काम करना होगा ।