बजरमुड़ा मुआवजा घोटाला :तत्कालीन एसडीएम मार्बल ,तहसीलदार भगत ,सब इंजीनियर त्रिपाठी समेत 7 के खिलाफ दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण ,अपर कलेक्टर ने एसडीएम को दिए आदेश ,20 दिन बाद पहुंचा ,जल्द कार्रवाई के आसार ,फर्जी गणना पत्रक तैयार कर अफसरों ने शासन को क्षति पहुंचाने 415 करोड़ का बना दिया मुआवजा पत्रक

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम बजरमुड़ा तमनार में छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर 3 के भू-अर्जन में भूमि व परिसंपत्तियों के मूल्यांकन कार्य में त्रुटिपूर्ण गणना पत्रक तैयार कर 415 करोड़ रुपए से भी अधिक का फर्जी अवार्ड पारित कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने की शिकायत के मामले में जिम्मेदार तत्कालीन अफसर अब जेल की हवा खाएंगे। जी हां कलेक्टर के अनुमोदन से अपर कलेक्टर ने कूटरचित त्रुटिपूर्ण गणना पत्रक तैयार करने वाले तत्कालीन एसडीएम,तहसीलदार ,आरआई,पटवारी ,उपअभियंता समेत 7 कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का निर्देश दिया है। रायगढ़ जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से सबंधितों में हड़कम्प मचा है।

यहां बताना होगा कि रायगढ़ जिले के ग्राम बजरमुड़ा तमनार में छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर 3 के भू-अर्जन में
100 करोड़ का मुआवजा भी नहीं बनता लेकिन 415 करोड़ का अवार्ड पारित किया गया था। मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से की गई थी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने ग्राम बजरमुड़ा तमनार में छग भू राजस्व संहिता 1969 की धारा 247 (5 ) अंतर्गत प्रतिकर निर्धारण संबंधी कार्यवाही अंतर्गत भूमि व परिसंपत्तियों के मूल्यांकन कार्य में त्रुटिपूर्ण गणना पत्रक तैयार कर आर्थिक एवं प्रशासनिक अनियमितता कारित किए जाने हेतु दोषी अधिकारियों /कर्मचारियों पर कार्यवाही हेतु पत्राचार किया था। जिसके उपरांत कलेक्टर के अनुमोदन से अपर कलेक्टर ने कूटरचित त्रुटिपूर्ण गणना पत्रक तैयार करने वाले तत्कालीन एसडीएम,तहसीलदार ,आरआई,पटवारी ,उपअभियंता समेत 7 कर्मचारियों के विरुद्ध
नियमानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का निर्देश दिया है। हालांकि कार्यालय कलेक्टर अधीक्षक भू -अभिलेख शाखा से एसडीएम घरघोड़ा को कार्रवाई हेतु प्रेषित पत्र में दिनांक 22 /04/2025 अंकित है ,लेकिन यह पत्र अज्ञात कारणवश हाल ही पिछले हफ्ते ही एसडीएम कार्यालय को प्राप्त हुआ है।
जिसमें जांच रिपोर्ट आने के कई महीनों बाद अब जिम्मेदारों के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।। पत्र मिलने के बाद एसडीएम बड़े प्रशासनिक अफसरों से बातचीत करने के बाद इसमें कोई कार्रवाई करेंगे। बताया जाता है कि इसमें एक या दो दिनों में कोई फैसला लिया जा सकता है। हालांकि सालभर से उपर इसकी जांच चल रही है।

प्रत्यक्ष रूप से पहुंचाई गई है हानि ,20 लाख की जगह 20 करोड़ का बनाया मुआवजा,असिंचित भूमि को बताया सिंचित 👇

बजरमुड़ा घोटाला में रायगढ़ जिले में प्रत्यक्ष रूप में सरकार को हानि पहुंचाई गई. संपत्तियों का गलत मूल्यांकन करने के कारण अरबों रुपए का मुआवजा देना पड़ा। असिंचित भूमि को सिंचित बताकर, पेड़ों की संख्या ज्यादा दिखाकर, टिन शेड को पक्का निर्माण बताकर, बरामदे, कुएं, पोल्ट्री फार्म आदि का मनमानी मुआवजा आकलन किया गया। गणना के समय ही जिस भूमि पर 20 लाख का मुआवजा मिलता, उसमें बीस करोड़ का मुआवजा बना दिया गया था।

इनके खिलाफ दर्ज होगा एफआईआर 👇

इस घोटाले के लिए जिम्मेदार तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना, पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत और बीटगार्ड रामसेवक महंत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। सात कर्मचारियों एवं अफसरों के खिलाफ एफआईआर किया जाना है, प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ एफआईआर करने के पहले शासन से अनुमति की जरूरत पड़ती है। इन प्रक्रियाओं के बाद ही इसमें अपराधिक प्रकरण दर्ज होंगे।