एम्स से हुई पुष्टि ,सोमवार को दीपका के निजी दंत चिकित्सक के पास उपचार कराने के दौरान दिखे थे प्रारंभिक लक्षण,जिले में मच गया था हड़कम्प
कोरबा। जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस ) के लक्षण मिलने की खबरों पर विराम लग गया है। दीपका एमडी कालोनी में निवासरत कोलकर्मी संतोष कर्ष की एम्स में रिपोर्ट निगेटिव आई है । प्रारंभिक लक्षण मिलने की सूचना के बाद जिले में हड़कम्प मच गया था।
यहाँ बताना होगा कि प्रदेश में कोरोना के कहर के बाद ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है । प्रदेश के कई जिलों में इसके मामले सामने आ चुके हैं तो रायपुर , भिलाई एवं बिलासपुर में इससे 4 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है । मंगलवार को औद्योगिक नगरी कोरबा में भी ब्लैक फंगस की सूचना से हड़कंप मच गया था। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के कोल कर्मी एमडी कालोनी निवासी संतोष कर्ष में इसके प्रारंभिक लक्षण मिले थे । जानकारी के मुताबिक कर्मी श्री कर्ष ब्लैक फंगस के प्रारंभिक लक्षणों के व साथ दंत रोग चिकित्सक डॉ.एन चारी के क्लीनिक पहुंचा था। कर्मचारी को दांतों में दर्द व मसूड़ों में सूजन की समस्या थी ।डॉ.चारी ने मरीज के दांतों और मसूड़ों की जांच की । इस दौरान चिकित्सक ने मरीज से पूर्व में होने वाली समस्या के बारे दी में जानकारी ली यह जानने की कोशिश की कि मरीज पहले से इस तरह की कोई बीमारी से ग्रसित तो नहीं था। इस पर मरीज ने बताया कि वह तीन माह पहले कोरोना संक्रमित हुआ था। एसईसीएल द्वारा उसे इलाज के लिए बाहर रेफर किया गया था । जहाँ 26 दिन आईसीयू में रहने के बाद स्थिति सामान्य होने पर वापस दीपका आ गया था। हाल ही में दांतों में दर्द और सूजन होने पर वह इलाज कराने आया है। डॉ. चारी ने दंत समस्या और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मरीज को दवाईयां देने के साथ ओपीजीएक्सरे कराने की सलाह दी।ओपीजी रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि दांतों के उपरी सतह की हड्डी 50 से 60 फीसदी तक गल गया है। उपरी हिस्से का दांत कमजोर होकर हिल रहा है। सामान्यतः इस तरह के लक्षण ब्लैक फंगस में होते हैं।ब्लैक फंगस की आशंका को देखते हुए डॉ.चारी ने कर्मचारी को रायपुर एम्स जाने की सलाह दी, ताकि टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद मरीज का सही उपचार किया जा सके।ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने के बाद जिले में हड़कंप मच गया था। हालांकि मंगलवार की देर शाम एम्स से सुखद खबर आई है । संदिग्ध कोल कर्मी श्री कर्ष की ब्लैक फंगस की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिससे फिलहाल जिले में ब्लैक फंगस के मरीज मिलने के आशंकाओं पर भी विराम लग गया है।