ब्लैक राईस की खेती में किसानों की बढ़ी रूचि, जिले में 25 हेक्टेयर में काले चावल की खेती…किसानों की आमदनी में होगी वृद्धि

0 अंतर्राष्ट्रीय कीमत लगभग 600 रूपये प्रति किलो, औषधीय गुणवत्ता से भरपूर है ब्लैक राइस ।

जांजगीर-चांपा – जिले के किसानों में अधिक लाभ देने वाले पोष्टिक ब्लैक राइस की खेती में रुझान बढ़ रहा है। जिले में इस साल करीब 25 हेक्टेयर क्षेत्र में ब्लैक राइस की खेती की गई है । ब्लैक राइस की अधिक कीमत होने पर इसकी खेती से किसानों की समृद्धि बढ़ेगी।

जांजगीर-चांपा कृषि प्रधान जिला है। यहां के किसानों ने आधुनिक खेती और धान के अधिक उत्पादन के लिए अपनी पहचान बनाई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन जांजगीर-चांपा जिले में होता है। किसान आधुनिक खेती के साथ-साथ अधिक लाभ वाले फसलों में भी रूचि ले रहे हैं।

उप संचालक कृषि श्री एम आर तिग्गा ने बताया कि जिले के मालखरौदा विकासखंड में किसानों ने 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ब्लैक राईस ( काला चावल ) की खेती की है। इस विकास खण्ड के ग्राम कटारी के किसान श्री राधेश्याम चंद्रा ने इस वर्ष रबि में 1 एकड़ क्षेत्रफल में काले चावल की खेती की है। जिसमें 27 क्विंटल उपज प्राप्त हुआ है। केवल 135 से 149 दिन में यह फसल तैयार हो जाती है। इस फसल में.पानी की जरुरत कम पड़ती है। बाजार में ब्लैक राईस की कीमत 250 रूपये प्रति किलो है। यदि इसका जैविक उत्पादन किया जाए तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी किमत लगभग 600 रूपये प्रति किलो है।

काले चावल की पौष्टिकता

काले चावल के प्रमुख रूप से एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की मात्रा अधिक होती है। स्वास्थ्य संबंधित कई बीमारियों में लाभ मिलता है । अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कैंसर जैसी घातक बीमारी में लड़ने की भी के लिए भी काफी फायदेमंद है। सफेद और ब्राउन राइस की तुलना में विटामिन बी, विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं। कार्बोहाइड्रेट से मुक्त होने के कारण ब्लेक राईस को शुगर पेशेंट और हृदय रोगियों के लिए भी उपयुक्त बताया गया है। ब्लैक राइस के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होने की वजह से अपच की समस्या नहीं होती। एंटीऑक्सीडेंट तत्व की वजह से आंख के लिए भी फायदेमंद है।

कृषि विभाग कर रहा सहयोग

काले चावल की खेती के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। किसानों का इस तरफ लगातार रुझान बढ़ रहा है। कृषि विभाग से किसानों को सहयोग किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे बढ़ावा देने किसानों को और अधिक प्रेरित किया जाएगा। ताकि किसान इसका व्यवसायिक लाभ उठा सकें।