अधिकारियों की हठधर्मिता पड़ी भारी,60 फीसदी दिव्यांग की लगा दी कोरोना ड्यूटी , संक्रमण से शिक्षक ने जिंदगी की जंग हारी

पोंडी अनुविभाग का मामला ,
छिन गया परिवार का सहारा,शिक्षक संगठनों में आक्रोश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। अधिकारियों द्वारा नियमों व आग्रह की अनदेखी से कोरोना नियंत्रण की ड्यूटी करते एक दिव्यांग शिक्षक संक्रमण की जद में आने से जिंदगी की जंग हार गया। उसके ड्यूटी न लगाने के आग्रह को अधिकारियों ने न सिर्फ दरकिनार किया बल्कि ड्यूटी लगाते वक्त जारी अनुशासनात्मक कार्यवाही का डर दिखाकर काम करने के लिए विवश भी किया । जहाँ महामारी में दिव्यांग के ड्यूटी लगाने का आदेश/निर्देश सवालों के घेरे में है वहीं अधिकारियों की मनमानी ने एक परिवार का सहारा छीन लिया।

यहाँ बताना होगा कि जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के तानाखार स्थित शासकीय हाईस्कूल मेें पदस्थ सहायक शिक्षक सधवा कुमार बंजारे 60 प्रतिशत दिव्यांग थे, इनकी ड्यूटी प्राचार्य के द्वारा आदेश जारी कर लगाई गई थी। पोड़ी-उपरोड़ा के एसडीएम संजय मरकाम द्वारा 30 अप्रैल को जारी आदेश के परिपालन में तानाखार पंचायत दल क्रमांक 1 में सधवा कुमार की ड्यूटी लगी थी। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एल एस जोगी के द्वारा प्राचार्य के आदेश का अनुमोदन किया गया। दिव्यांग सधवा कुमार की कोरोना सर्वे में ड्यूटी न लगाने को लेकर अपनी बात भी रखी गई जिसे अनसुना कर दिया गया। फलस्वरूप सर्वे करते-करते संक्रमण की चपेट में दिव्यांग शिक्षक आ गया और ईलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी व 3 मासूम बच्चों के सिर से घर के मुखिया का साया छिन गया वहीं इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में व्यवस्था के प्रति नाराजगी व्याप्त है।

अधिकारियों की हठधर्मिता पड़ी भारी

बता दें कि इससे पहले शिक्षक एवं अधिकारी, कर्मचारी संघों के द्वारा दिव्यांग, बीमार और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना सर्वे आदि में नहीं लगाने की मांग संबंधी पत्र सांसद, कोरबा विधायक व राजस्व मंत्री, कलेक्टर को प्रेषित किया गया लेकिन इस मामले में किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई है। प्राचार्य के द्वारा यह जानते हुए कि सहायक शिक्षक सधवा कुमार 60 प्रतिशत दिव्यांग है, फिर भी उसे सर्वे के लिए लगाया गया।
उसके सहकर्मियों के मुताबिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर आग्रह किया था कि मैं शारीरिक रूप से निशक्त हूं कृपया मेरी जगह किसी अन्य शिक्षक की ड्यूटी लगा दिया जाए लेकिन अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण अब उनकी मौत हुई है।

दर्ज हो हत्या का मामला, करें गिरफ्तारी

अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के मनीराम जांगड़े ने मांग की है कि उन अधिकारियों के प्रति हत्या के प्रयास के तहत 302 एवं अन्य धाराओं का अपराध दर्ज किया जाए व तत्काल उन अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाए जिनके द्वारा अनदेखी कर ड्यूटी लगाई गई। इस पर त्वरित कार्यवाही ना होने पर समिति उग्र आंदोलन के लिए बाध्य रहेगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। छत्तीसगढ़ भीम रेजीमेंट जिला इकाई ने भी हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है।गैर ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हेतु जिले के समस्त शिक्षक संगठनों द्वारा ठोस रणनीती बनाई जा रही है। ज़िम्मेदार अधिकारियों, संकुल समन्वयक, नोडल प्राचार्य के खिलाफ मे गैर ईरादतन हत्या का एफआईआर दर्ज कराए जा सकते हैं।

वर्जन

शिक्षक की चूकवश लगी थी ड्यूटी नाम हटाने नहीं दी थी अर्जी

ब्लॉक के 3 हजार से अधिक शिक्षकों की कोविड -19 में ड्यूटी लगी है। सम्बंधित शिक्षक की ड्यूटी चूक वश लगी होगी। उन्होंने ड्यूटी से नाम हटाने कोई लिखित आवेदन या आग्रह नहीं किया था। उनकी सुविधा अनुसार ड्यूटी लगाई थी। मृत शिक्षक व उनके परिवार के प्रति पूरी संवेदना है ।

एल एस जोगी ,बीईओ पोंडी उपरोड़ा