डीएमएफ के 34 लाख की स्वीकृत कार्य की जगह पुराने कार्य कराने वाले ट्राइबल में प्रभारी सब इंजीनियर बने प्रधानपाठक अमरेश तिवारी सस्पेंड

कलेक्टर रानू साहू ने शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही ,वित्तीय अनियमितता बरतने पर की कार्यवाई ,निलंबन अवधि में पाली बीईओ कार्यालय में देनी होंगी सेवाएं

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । डीएमएफ से स्वीकृत 34 लाख के मूल कार्य की जगह सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना पुराने भवन का कार्य कराना सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में पदस्थ प्रभारी उप अभियंता (मूल पद प्रधानपाठक) अमरेश तिवारी को भारी पड़ गया। कलेक्टर ने शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने ,वित्तीय अनियमितता एवं उच्च अधिकारी के अवहेलना करने वाले प्रभारी उप अभियंता को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पाली नियत किया गया है।

यहाँ बताना होगा कि कलेक्टर सह अध्यक्ष ,जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी) कोरबा के आदेश क्रमांक /MDFT-15/नक्र-01 /2017 -18 /8620 दिनांक 11 मार्च 2014 में सरल क्रमांक 7 में 34 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके तहत बालक छात्रावास बेसिक कटघोरा में 2 हॉल ,शौचालय ,स्नानागार ,अहाता ,किचन शेड ,आईप टाईप क्वाटर एवं पेयजल व्यवस्था का कार्य करना था। इसके लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया था। लेकिन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में प्रभारी उप अभियंता बने प्रधानपाठक अमरेश तिवारी ने उक्त मूल कार्य न कराकर सक्षम अधिकारी के स्वीकृति के बिना ही स्वयं निर्णय लेकर पुराने भवन का रेनोवेशन कार्य करा दिया। कलेक्टर रानू साहू के संज्ञान में यह बात सामने आते ही उन्होंने सहायक आयुक्त एस के वाहने को उक्त प्रकरण में अविलंब जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। सहायक आयुक्त एस के वाहने ने शासकीय कार्य दायित्वों के प्रति लापरवाह प्रभारी उप अभियंता अमरेश तिवारी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाई करने की अनुशंसा के साथ जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया था। कलेक्टर रानू साहू ने
शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने ,वित्तीय अनियमितता एवं उच्च अधिकारी के अवहेलना करने वाले प्रभारी उप अभियंता को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पाली नियत किया गया है।

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मंत्री की है कृपा 2 सालों से हो रही शिकायत ,पर कार्यवाई नहीं हुई

मूलतः प्रधानपाठक अमरेश तिवारी जिले में करीब दशक से सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। इनके खिलाफ पूर्व में डीएमएफटी के करोड़ों रुपए के निर्माण कार्यों का फर्जी स्टीमेट बनाने ,फर्जी मूल्यांकन करने ,गुणवत्ताहीन कार्य कराए जाने की शिकायतें सामने आ चुकी है। शासकीय कन्या महाविद्यालय कोरबा के बाजू में संचालित पुराने बालिका छात्रावास का छज्जा गिरने से दो साल पूर्व दो आदिवासी बालिकाओं के हाथ व पैर टूट गए थे। मरम्मत के नाम खानापूर्ति करने की वजह से यह गम्भीर हादसा हुआ था। जिसके बाद प्रभारी उप अभियंता बने प्रधानपाठक अमरेश तिवारी के खिलाफ कार्यवाई करने सहित मूल पद पर भेजने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक लिखित शिकायत की गई। पर भ्रष्टा अधिकारी कर्मचारियों को पनाह दे रहे कांग्रेस शासित सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की। शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिसकी परिणीति वर्तमान में भी प्रभारी उप अभियंता बने अमरेश तिवारी करोड़ों के निर्माण कार्यों में गड़बड़ी को अंजाम दे रहे हैं। कायदे से जिला प्रशासन को इनको इनके मूल पद के लिए शासन स्तर से पत्राचार कर कार्यमुक्त कर देना चाहिए। नहीं तो भविष्य में इनके बनाए भवनों में गम्भीर हादसा घटित हो सकता है।