हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। आईपीएस भोजराम पटेल कोरबा के नए पुलिस कप्तान होंगे। औद्योगिक जिले कोरबा में नए एसपी बने भोजराम पटेल संघर्ष से शिखर तक पहुंचने की मिसाल हैं। गरीबी से निकलने वाले लोग चाहे जितनी भी ऊंचाइयों पर चले जाएँ वह ज़मीन से जुड़े ही रहते हैं। उन्हें ना ‘बहुत ज़्यादा ख़ुशी ना ही बहुत ज़्यादा गम अपने रास्ते से हिला सकता है। क्योंकि वह हर परिस्थितियों को बहुत ही करीब से देख कर पले बढ़े होते हैं। ऐसे ही गरीबी से निकलकर आईपीएस बनने की प्रेरणा हैं भोजराम पटेल ।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तारापुर गाँव के रहने वाले एक युवा आईपीएस ऑफिसर भोजराम पटेल जिन्होंने हर चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने माता-पिता के मेहनत को साकार किया। भोजराम पटेल के पिता जिन्होंने सिर्फ़ प्रारंभिक कक्षा तक की पढ़ाई की है और उनकी माता अनपढ़ हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने शिक्षा के ज़रूरत को समझा और अपने बेटे को पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनके पास परिवार चलाने के लिए 2 बीघा ज़मीन के अलावा कुछ नहीं था।भोजराम ने अपने घर की स्थिति को देखते हुए पढ़ाई में मेहनत करनी शुरू की। आगे एक संविदा शिक्षक बने। वह शिक्षक तो बन गए लेकिन उनका सपना तो था एक ऑफिसर बनना। वह बताते हैं कि बचपन में जब उनके घर में अनाज या फिर कुछ भी खाने को नहीं होता था तब उनकी माँ खाने में अधिक मिर्च डाल देती थी, जिससे भूख कम लगे और कम खाने में ही भूख शांत हो जाए।
गांव के जिस सरकारी स्कूल से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की, शिक्षक बनने के बाद भोजराम उसी स्कूल के बच्चों को शिक्षा देनी शुरू की। ताकि वह बच्चे भी आगे चलकर अपने जीवन में कुछ अच्छा करें। बचपन में पढ़ाई के दौरान भोजराम अपने माता-पिता के साथ खेतों में हाथ भी बटाया करते थे।भोजराम पटेल ने जब अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की उसके बाद उनका चयन शिक्षा कर्मी वर्ग 2 के पद पर हुआ तब शिक्षक बनकर उन्होंने मिडिल स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। स्कूल में छुट्टी होने के बाद वह घर आकर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी पर पूरी तरह से अपना फोकस करते। उनके माता-पिता के हौसले के और इसी मेहनत का नतीजा है कि उन्हें यह सफलता हासिल हो सकी। एक ऑफिसर बनने के बाद भी वह आज भी ज़मीन से जुड़े हुए हैं और अपने इतने व्यस्त होने के बाद भी स्कूल में जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं। वह स्कूल के प्रति इसे अपना कर्ज़ मानते हैं और अपने गाँव के युवाओं को हमेशा करियर में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनकी आत्मकथा से युवा वर्ग काफ़ी प्रेरित हो रहे हैं।