अगर समय पर नहीं करेंगे मरीजों का जतन तो रुकेगा वेतन

टीएल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर बिफरीं कलेक्टर ,कहा ईलाज में नहीं चलेगी कोताही ग्रामीण अंचलों में भेजें विशेषज्ञ चिकित्सक ,सीएसईबी की 25 एकड़ भूमि में बनेगा मेडिकल कॉलेज का भवन

कोरबा ।जब सरकार से वेतन ले रहे हैं तो जिले में सभी डाॅक्टरों को तय लक्ष्यानुसार मरीजों का ईलाज करना होगा। सभी डाॅक्टरों को समय पर अस्पताल में उपस्थिति देनी होगी । ओपीडी और आईपीडी के माध्यम से मरीजों का ईलाज बढ़ाना होगा। डाॅक्टरों को निर्धारित लक्ष्य अनुरूप सर्जरी, प्रसव एवं सोनोग्राफी भी करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले इसके लिए जिला अस्पताल में पदस्थ अतिरिक्त सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं अन्य विशेषज्ञ डाॅक्टरों को जरूरत के हिसाब से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भेजकर लोगों का ईलाज करना सुनिश्चित करें। गुरुवार को समय सीमा की बैठक में कलेक्टर रानू साहू ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए यह निर्देश दिए।

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने गुरुवार को समय सीमा की बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन डीपीएम और अस्पताल कंसलटेंट से स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे गतिविधियों की जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती साहू ने नए मेडिकल कॉलेज के लिए शहर के भीतर भवन निर्माण करने के लिए जमीन चिन्हांकन करने के निर्देश एसडीएम सुनील नायक को दिए। नवीन मेडिकल काॅलेज भवन का निर्माण सीएसईबी की 25 एकड़ भूमि में किया जाएगा।
उन्होंने करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बंद पड़ी एक्स-रे मशीन को तकनीकी कर्मियों की मदद से सुधारकर चालू करवाने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती साहू ने बैठक में कहा कि कोरबा प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहां के जिला अस्पताल में विशेषज्ञ एवं चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती आई. पी .एच.एस. मानक के आधार पर की गई है। जिला अस्पताल में आई.पी.एच.एस .मानक के आधार पर 32 डॉक्टर एवं विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है जिसमें मेडिकल स्पेशलिस्ट, सर्जरी स्पेशलिस्ट, डर्मेटोलॉजिस्ट ,पेडीट्रिसियन, आदि शामिल हैं। कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से ओपीडी, आईपीडी, सिजेरियन प्रसव ,सामान्य प्रसव, एक्स-रे, पैथोलॉजी के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने सिविल सर्जन से प्रति सप्ताह होने वाले सर्जरी की भी जानकारी ली तथा सिविल सर्जन को सर्जरी बढ़ाने के निर्देश दिये साथ ही सर्जन को फील्ड में तैनात कर दूरस्थ अंचलों में भी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जटगा और पसान स्वास्थ्य केंद्रों में फार्मासिस्ट ,टेस्टिंग ,लैब टेक्नीशियन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए तथा सभी डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों को कर्तव्य निष्ठा एवं सेवा भावना से कार्य करने के निर्देश दिए।

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सभी नर्सिंग होम-क्लीनिकों के पंजीयनों की होगी जांच

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने समय सीमा की बैठक के दौरान जिले में संचालित सभी नर्सिंग होम और क्लीनिकों के पंजीयन संबंधी जांच करने के निर्देश बैठक में मौजूद अनुविभागीय अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल क्लीनिकों का मौका-मुआयना कर क्लीनिक चलाने के लिए नर्सिंग होम एक्ट के तहत जरूरी पंजीयन की जांच की जाए। जिले में बिना लाइसेंस का पंजीयन के चलने वाले अस्पताल-नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जाए। नर्सिंग होम संचालन से संबंधित सभी दस्तावेज, डिग्री एवं मान्यता की भी जांच की जाए।