प्रथम दृष्टया प्रधानपाठक पाए गए दोषी ,एसडीएम ने लिया बयान ,शीघ्र होगी कार्यवाई

शासकीय विद्यालय अंधरीकछार में प्रतिबंध के बावजूद शादी समारोह का मामला

कोरबा। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अंधरीकछार के प्रधानपाठक एस के द्विवेदी पर कभी भी कार्यवाई की गाज गिर सकती है। शाला प्रांगण में सोमवार को श्रीवास परिवार को द्वारा टेंट लगाकर शादी समारोह का आयोजन करने की अनुमति देने वाले प्राचार्य के खिलाफ जांच कर एसडीएम के नेतृत्व में टीम ने कलेक्टर को प्रतिवेदन सौंप दिया है। जिसमें प्रथम दृष्टया प्रधानपाठक मूल रूप से दोषी पाए गए हैं।

यहाँ बताना होगा कि सोमवार को शहर के माध्यमिक शाला अंधरीकछार के प्रांगण श्रीवास परिवार को विवाह समारोह के लिए दे दिया गया था। कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाकर शादी समारोह चल रहा था।जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी शासकीय भवन व उसके प्रांगण को शादी व अन्य कार्यक्रमों के लिए न दिया जाए।लेकिन माध्यमिक शाला अंधरीकछार के प्रधानपाठक ,शाला प्रबंधन समिति व पार्षद ने नियमों से परे जाकर अनुमति दे दी थी।हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने शिकायत पर रात 11 बजे ग्राउंड रेपोर्टिंग कर शादी समारोह की फुटेज सहित प्रमुखता से न्यूज तैयार कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर रात को ही तत्काल नायब तहसीलदार एम एस राठिया मौके पर पहुंचे । शिकायत सही पाए जाने पर उन्होंने 25 हजार का अर्थदंड लगाया था। घटना के दूसरे दिन कलेक्टर के कोपभाजन से बचने शिक्षा विभाग ने अपनी नाक बचाने प्रकरण में गम्भीरता दिखाई। बीईओ संजय अग्रवाल ने एबीईओ (सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी)कमलेश कुमार के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच दल गठित कर दी थी। एसडीएम सुनील नायक भी कलेक्टर के निर्देश पर जांच दल के साथ बयान लेने पहुंचे। जहां उपलब्ध कराए गए अनुमति सम्बन्धी दस्तावेज प्रधानपाठक सुरेश कुमार द्विवेदी ने दिखाया। जिसके तहत उन्होंने शादी के एक दिन पूर्व 5 जुलाई को डीईओ कार्यालय को आवक जावक के माध्यम से प्राप्त पत्र के साथ इसकी सूचना दी थी।लेकिन जांच दल के सामने प्रधानपाठक की यह दलील नहीं चली । एसडीएम ने प्रधानपाठक को कोरोना काल में बिना सक्षम प्राधिकारी के शाला प्रांगण को विवाह समारोह के लिए अनुमति देने पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए आवश्यक कार्यवाई के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया है।प्रकरण में शीघ्र कार्यवाई की बात कही जा रही है।

वर्जन

प्रथम दृष्टया प्रधानपाठक दोषी ,सौंप दिया है प्रतिवेदन

प्रथम दृष्टया प्रधानपाठक दोषी पाए गए हैं। उन्होंने कोरोनाकाल में बिना सक्षम प्राधिकारी के अनुमति बिना शासकीय भवन प्रांगण निजी कार्य के लिए दे दिया। प्रतिवेदन कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाई के लिए प्रस्तुत कर दिया है ।

सुनील नायक ,एसडीएम कोरबा