छत्तीसगढ़: MOU रद्द करने पर गरमाई सियासत, मंत्रियों के बयान को विपक्ष ने लिया आड़े हाथों

रायपुर।  राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया है।  जोगी और रमन सरकार के समय किए गए  158 MOU को रद्द किया गया है। इस मामले पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। इस मामले पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा का बयान सामने आया है। 

मंत्री लखमा ने कहा कि रमन सरकार की निवेश नीति अच्छी नहीं थी। वहीं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि रमन सिंह ने केवल प्रचार के लिए MOU किए थे। 

इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक  ने पलटवार करते हुए कहा है कि सरकार खजाना भरने  इन्वेस्टमेंट चाहती है। वहीं पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि MOU रद्द करना राज्य को पीछे ले जाने जैसा है। 

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में मक्का और गन्ना से एथेनॉल तैयार करने के प्लांट की स्थापना के लिए पूंजी निवेश के प्रस्तावों को परीक्षण के बाद जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की समस्याओं को दूर करने के लिए दो समितियों का गठन किया जाए। नीतिगत मामलों के संबंध में उद्योग मंत्री की अध्यक्षता तथा क्रियान्वयन संबंधी मामलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से कृषि आधारित उद्योगों तथा बस्तर अंचल में लौह खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के कार्य में भी तेजी लाने के प्रयास किए जाएं।

राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में वर्ष 2001-18 और वर्ष 2012 में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए किए गए एमओयू के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई। वर्ष 2001 से 2018 तक के 55 एमओयू तथा वर्ष 2012 में ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान किए गए 103 एमओयू में निष्क्रियता के चलते किसी भी प्रकार की कार्रवाई प्रारंभ नही होने के कारण इन दोनों को मिलाकर कुल 158 एमओयू निरस्त करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3 लाख 3 हजार 115 करोड़ 70 लाख रु के पूंजी निवेश के 211 एमओयू किए गए थे, इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78776.36 करोड़ रूपए का हुआ है। 67 एमओयू में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है, 61 एमओयू में क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है, जबकि 55 एमओयू में कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रूपए 69 लाख रूपए पूंजी निवेश के 275 एमओयू किए गए थे, इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2003.59 करोड़ रूपए का हुआ है। 6 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है। शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 115 एमओयू प्रभावशील हैं। इनमें प्रस्तावित पूंजी निवेश 46 हजार 937 करोड़ रूपए हैं। 92 परियोजनाओं में क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है और एक में उत्पादन भी शुरू हो गया है। 23 नवीन एमओयू में कार्य प्रारंभ होना है।