कागजों में बन गए शौचालय, हितग्राही हाथ में लोटा लिए खुले में शौच जा रहे,64 लाख डकारने वाले सरपंच सचिवों पर अधिकारी हैं मेहरबान

जिले के सबसे बड़े शौचालय घोटाला पर एसडीएम कार्यालय से अब तक नहीं निकला वसूली का फरमान ,5 पंचायतों में 369 शौचालय कागजों में बने,141 में तकनीकी खामियां

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । खुले में शौच की प्रवित्ति को रोकने स्वच्छ भारत मिशन के तहत हितग्राहियों के यहाँ शौचालय तैयार कर निर्मल ग्राम बनाने की मंशा पर पानी फेरने वाले 5 ग्राम पंचायतों के तत्कालीन सरपंच सचिवों पर जनपद सीईओ के प्रतिवेदन के बाद भी एसडीएम आरआरसी वसूली की कार्यवाई नहीं कर रहे। इन पंचायतों में 523 हितग्राहियों के यहाँ शौचालयों में गड़बड़ी हुई है ।इनमें 369 शौचालय कागजों में तैयार कर दिए गए तो 141 शौचालय अमानक हैं। 13 शौचालयों में हितग्राही स्तर पर गड़बड़ी की गई है। इस तरह शौचालय निर्माण की 64 लाख 20 हजार की राशि डकारने वाले संबंधित सरपंच सचिवों को कार्यालय जिला पंचायत सीईओ से भी अभयदान मिला हुआ है।अनुशासनात्मक कार्यवाई नहीं होने से जहाँ सचिव बेख़ौफ होकर पँचायत विकास के कार्यों में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं वहीं हितग्राही खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

यहाँ बताना होगा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों की सहयोग से पिछले डेढ़ दशक से लोगों की खुले में शौच की प्रवित्ति को रोकने विभिन्न अभियानों के माध्यम से शौचालय निर्माण में जुटा हुआ है । समय के साथ अभियान का नाम सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से स्वच्छ भारत मिशन में जरूर बदल गया है पर सरकार की मंशा आज भी लोगों के यहाँ शत प्रतिशत शौचालय तैयार कर उनकी खुले में शौच की प्रवित्ति को रोककर विभिन्न बीमारियों से बचाने की है। साथ ही इस अभियान की मंशा बहू -बेटियों को सामाजिक सम्मान प्रदान करने की भी है।स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वित्तीय वर्ष 2016 -17 में भी जिले में बड़े पैमाने पर शौचालय स्वीकृत की गई । हितग्राहियों के नाम से स्वीकृत शौचालय की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों को बनाया गया था। कागजों में भले ही शत प्रतिशत शौचालय तैयार कर आंकड़े केंद्र शासन को भेजकर जिले ने निर्मल जिले ,निर्मल ब्लाक ,निर्मल ग्राम का पुरुस्कार हासिल कर लिया हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं । कई पँचायतें ऐसी हैं जहाँ कागजों में शौचालय तैयार कर दिए गए हैं। तो कहीं गुणवत्ता हीन अमानक शौचालय तैयार कर दिए गए हैं। ऐसे ही जनपद पंचायत कोरबा के अंतर्गत आने वाले 5 ग्राम पंचायतों की गड़बड़ी 5 साल बाद उजागर हुई है । ग्राम पंचायत सिमकेंदा मदनपुर ,पसरखेत ,कछार एवं फुलसरी में वित्तीय वर्ष 2016 -17 में स्वीकृत 510 नग शौचालयों में तत्कालीन सरपंच सचिवों ने वित्तीय अनियमितता की है। 12 हजार रुपए प्रति हितग्राही की दर से शौचालय तैयार करने राशि पँचायत के खाते में जारी की गई थी।वहीं कुछ पंचायतों में सीएसआर से भी व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। प्राप्त दस्तावेज अनुसार इनमें से 44 लाख हजार की लागत के 369 नग शौचालय तैयार ही नहीं हुए वहीं 16 लाख 92 हजार के 141 शौचालयों में तकनीकी खामियां पाई गई हैं। इसी तरह हितग्राही द्वारा निर्मित 1 लाख 56 हजार के 13 नग शौचालयों में भी गड़बड़ी पाई गई है। पहले से जिस हितग्राही के यहाँ अन्य योजनाओं के तहत शौचालय तैयार किया गया था उसे भी पूर्ण बता दिया गया है। इस तरह कुल 523 नग शौचालय तैयार करने के नाम में भ्रष्टाचार किया गया है । जनपद सीईओ गोपाल मिश्रा ने शासकीय राशि का गबन कर शासन की मंशा पर पानी फेरने वाले तत्कालीन सरपंच सचिवों से शौचालय निर्माण की 64 लाख 20 हजार रुपए की रिकवरी करने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के कोर्ट में 18 मार्च 2021 को ही प्रस्तुत कर दिया था।लेकिन इस बीच कोरोना की दूसरी लहर आने की वजह से कोर्ट बन्द रही लिहाजा एसडीएम कोर्ट खुलने के बाद आरआरसी वसूली के लिए नोटिस जारी करने की बात कहते रहे। अब डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है कोर्ट खुले हुए उसके बाद भी सम्बन्धितों को नोटिस जारी कर शासकीय राशि की वसूली के लिए सार्थक प्रयास नहीं करना कई तरह के संदेह पैदा कर रहा है। जबकि हाल ही में करतला ब्लॉक के कुछ पंचायतों को नोटिस जारी की गई थी। कोरबा के प्रकरण के संदर्भ में एसडीएम सुनील नायक सकारात्मक जवाब नहीं देते। कोर्ट से सम्बन्धितों को पंचायती राज अधिनियम 1993 में निहित प्रावधानों के तहत आरआरसी वसूली के लिए नोटिस जारी होने के बाद ही आगे की कार्यवाई बढ़ेगी।

इनसे होगी रिकवरी

शौचालय निर्माण में गड़बड़ी करने वाले तत्कालीन सरपंच सचिवों से 64 लाख 20 हजार रुपए शासकीय राशि की रिकवरी होगी। ग्राम पंचायत सिमकेंदा से तत्कालीन सरपंच श्रीमती महेश्वरी राठिया एवं सचिव सुरेश खूंटे से रिकवरी होगी। मदनपुर से तत्कालीन सरपंच श्रीमती चन्द्रोबाई एवं सचिव कैलाश कुमार राठिया से रिकवरी होगी। ग्राम पंचायत पसरखेत से तत्कालीन सरपंच सीताराम राठिया एवं सचिव परदेशी राम निषाद से रिकवरी होगी।
ग्राम पंचायत कछार से तत्कालीन सरपंच जगेश्वर सिंह कंवर सहित जिम्मेदार तीनों सचिवों बदन सिंह कंवर,संवित साहू,कृष्ण कुमार तंवर से रिकवरी होगी। इसी तरह ग्राम फुलसरी से तत्कालीन सरपंच झुलाई कंवर सचिव रामप्रसाद यादव से रिकवरी होगी।

सिमकेंदा में 30 लाख के 252 नग शौचालय कागजों में बन गए

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खेल कोरबा ब्लाक के ग्राम पंचायत सिमकेंदा में खेला गया । सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी ने शिकायत की थी कि यहाँ वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम )से 248 एवं सीएसआर मद से 170 कुल 418 नग शौचालय स्वीकृत हुए थे। जिसमें से आज पर्यन्त सीएसआर के 127 एवं एसबीएम के 125 कुल 252 हितग्राहियों के यहाँ शौचालय तैयार ही नहीं हुए जबकि ग्राम पंचायत के खाते से 30 लाख 24 हजार की पूरी राशि आहरित की जा चुकी है।शिकायत की जांच के लिए टीम गठित की गई। त्रिसदस्यीय जांच दल में जनपद पंचायत कोरबा के सहायक करारोपण अधिकारी शेर सिंह डनसेना ,चतुरानन सिंह कंवर एवं संकुल समन्वयक प्रकाश यादव शामिल थे। जांच दल ने शिकायत सही पाई । और आवश्यक कार्यवाई हेतु प्रतिवेदन भेज दिया।जिले के सबसे बड़े शौचालय घोटाला के इस प्रकरण में भी आरआरसी वसूली की कार्यवाई करने प्रकरण एसडीएम कोरबा को 14 जुलाई को भेज दिया गया है। जिसमें तत्कालीन सरपंच श्रीमती महेश्वरी राठिया एवं सचिव सुरेश खूंटे के विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।

तो विशेष टीम बनाकर पूरे जिले में स्वीकृत शौचालयों की जांच हो

निश्चित तौर पर जिस तरह वित्तीय वर्ष 2016 -17 में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण के लिए जारी की गई राशि के दुरुपयोग की शिकायतें व जांच के बाद प्रमाणिकता सामने आ रही है उसने तकनीकी अमले सहित मॉनिटरिंग अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है। केन्द्रीयकृत योजना के तहत मिले राशि से हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने की जगह राशि का बंदरबाट किया गया है ।इतनी बड़ी गड़बड़ी को बिना उच्च अधिकारियों के प्रश्रय मिले बिना जमीनी स्तर पर सरपंच सचिव अंजाम नहीं दे सकते। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए निश्चित तौर पर जनपद पंचायत कोरबा ही नहीं जिले के सभी ग्राम पंचायतों में स्वीकृत शौचालय निर्माण की दूसरे विभागों की संयुक्त टीम गठित कर जांच किए जाने की आवश्यकता है। कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचार के इस खेल में गरीब हितग्राही मजबूरन हाथ में लोटा लेकर खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं। निर्मल जिला का तमगा हासिल कर चुके जिले की भी छवि धूमिल हो रही है।

पँचायत वार गड़बड़ी एक नजर में

पंचायत /स्वीकृत शौचालय / तकनीकी खामियां /अप्रारंभ/हितग्राही द्वारा गड़बड़ी /रिकवरी योग्य राशि

सिमकेंदा -418 – 00 – 252 -00-30,24,000.00

मदनपुर -112 – 63 – 43 – 06 – 13,44,000 .00

पसरखेत – 33 – 25 – 07- 03- 4,08,000.00

कछार – 94 – 45 – 45 – 04 -11,28,000.00

फुलसरी – 30 – 08 – 22 -00- 3 ,60,000.00

योग -269 -141-117 – 13 -32,40000.00

वर्जन

रिकवरी के लिए प्रकरण हमने भेज दिया है

पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत शौचालय निर्माण में अनियमितता पाई गई है। खामियों के आधार पर जिम्मेदारों से आरआरसी वसूली के लिए प्रकरण हमने 3 माह पूर्व एसडीएम कोर्ट भेज चुके हैं । सिमकेंदा के प्रकरण में भी हाल में प्रकरण वसूली के लिए भेजा है। शासकीय राशि की अनियमितता करने वालों को नहीं बख्शेंगे।

गोपाल मिश्रा ,सीईओ ,जनपद पंचायत कोरबा