जिले सहित राज्य की 4 टीमों ने डाला डेरा ,विषाक्त तालाब सील ,विस्तृत जांच में जुटी टीम ने डाला डेरा ,एसडीएम ने लापरवाह पशु चिकित्सक को थमाया नोटिस
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत कोरबी में 35 मवेशियों की मौत के मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है । मवेशियों की मौत गांव के एक तालाब के विषाक्त पानी पीने से हुई है। बुधवार को जिला एवं प्रदेश की 3 टीमों के जीवित एवं मृत मवेशियों के परीक्षण के बाद प्रारंभिक तौर पर पशु चिकित्सकों द्वारा इसकी संभावना जताई जा रही है। एसडीएम पोंडी उपरोड़ा की मौजूदगी में जिला एवं प्रदेश स्तर की तीनों टीमों ने कोरबी में कैम्प लगाकर डेरा डाल दिया है। मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने में 3 से 4 दिन और लगने की संभावना जताई जा रही है। वहीं इस गम्भीर प्रकरण की विलंब से सूचना देने वाले लापरवाह पशु चिकित्सक को एसडीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है ।

यहाँ बताना होगा कि 13 व 14 जुलाई को पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोरबी में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा फोर्टीफाइड प्रोकेन पेनिसिलिन इंजेक्शन आईपी इन मवेशियों को लगाया गया था। इसके दूसरे दिन ही बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो गई थी । जिसके बाद पीड़ित पशुपालक ग्रामीण टीकाकरण को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे थे। क्षेत्रीय विधायक मोहित केरकेट्टा,गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने भी कोरबी पहुंचकर घटना का जायजा लेकर कलेक्टर व विभागीय मंत्री को इससे अवगत कराते हुए जांच की बात कही थी । इस घटना के बाद जिला से लेकर राजधानी तक हड़कम्प मच गया था। कलेक्टर रानू साहू ने मंगलवार को ही एसडीएम पोंडी उपरोड़ा संजय मरकाम की अध्यक्षता में 4 सदस्ययीय टीम गठित कर दिया था। जिसे घटना की विभिन्न पहलुओं के तहत जांच कर यथा शीघ्र विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। वहीं राज्य स्तर से भी इस प्रकरण की जांच के लिए 3 टीम बुधवार को कोरबी पहुंची। जिसमें रायपुर की दो टीम एवं दुर्ग की एक टीम शामिल है। रायपुर की दो टीम में एक टीम पशु चिकित्सा विभाग की लैब टेस्टिंग टीम है । डॉ. अनूप चटर्जी एंड डॉ . शर्मा के नेतृत्व वाली यह टीम पानी घास ,पैरा ,मृत मवेशियों व जीवित मवेशियों का बिसरा , ब्लड सैंपल आदि की जांच कर रही है। एक टीम संचालनालय इंदिरावती भवन रायपुर की पहुंची है। सीनियर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ध्रुव के नेतृत्व में यह टीम जांच कर रही है। पशु चिकित्सा कॉलेज अंजोरा दुर्ग की एक टीम पहुंची है। इस तरह जिले कि एक व प्रदेश की 3 कुल 4 टीमों ने बुधवार को घटना स्थल कोरबी ग्राम में कैम्प लगाकर पूरी जांच पड़ताल की। पहले दिन की जांच के बाद प्रकरण के जांच अधिकारी पोंडी उपरोड़ा एसडीएम संजय मरकाम ने प्रारंभिक रिपोर्ट मीडिया से साझा की है। जिसके अनुसार मृत मवेशियों की टीकाकरण से होने वाली मौत की संभावनाओं आशंकाओं पर विराम लग गया है।पोंडी ब्लॉक के 114 गांव के 55 हजार मवेशियों को टीकाकरण किया गया था। कोरबी के 68 मवेशियों को टीका लगाया गया था। जिसमें से 5 मोहल्ला में से 3 मोहल्ला के 35 मवेशियों की मौत हुई है। कोरबी में एक तालाब है जिसमें बुधवार को बड़ी संख्या में मछली मृत पाए गए। सचिव मोतीलाल सिंह से मिली सूचना के बाद उस तालाब को घेराबंदी कर सील कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो तलाब के पानी में यूरिया या कोई अन्य विषाक्त पदार्थ मिला या मिलाया गया है। यह मछली मारने ,जंगली जानवरों की शिकार या सुरक्षा के लिए किसी के द्वारा जानबूझकर किया गया या शरारती कृत्य हो सकता है। मृत मवेशियों ने उसी तालाब का पानी सेवन किया है। जिसकी वजह से सम्भवतः उनकी मौत हो गई होगी। मवेशियों में मौत के लक्षण भी विषाक्त पदार्थ के सेवन की ओर इशारा कर रहे हैं। जैसे मुंह से लार टपकना, पेट फूलना ,मुंह से झाग निकलना,कंपकंपी लगना आदि लक्षण इस ओर इशारा कर रहे हैं।पशुपालक देवनारायण जिसके 35 में से 22 मवेशियों की मृत्यु हुई है । उसके 4 मवेशियों ने बुधवार को उसी तालाब से सुबह पानी पिया था ,पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने त्वरित उपचार कर मवेशियों की जान बचा ली है । वहीं गुरुवार को उक्त विषाक्त तालाब के पानी को टुल्लू पंप से बाहर निकाला जाएगा।

करीब 4 दिन लगेंगे विस्तृत रिपोर्ट आने में, चारों टीम ने डाला डेरा
इस घटनाक्रम की रिपोर्ट आने में करीब 3 से 4 दिन का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है। लिहाजा राज्य व जिले की सभी चारों टीमों में कैम्प लगाकर कोरबी में डेरा डाल दिया है। राज्य स्तर की टीम राज्य शासन को घटनाक्रम के संदर्भ में रिपोर्ट सौंपेगी वहीं जिला स्तर की टीम कलेक्टर को घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।

लापरवाह पशु चिकित्सक को नोटिस
प्रदेश को हिला देने वाले इस गम्भीर घटना को लेकर पशु चिकित्सा विभाग के अफसरों ने गंभीरता नहीं दिखाई। कोरबी क्षेत्र के पशु चिकित्सक अजय सिंह ने काफी विलंब से एसडीएम को इसकी सूचना दी। यही नहीं उनके खिलाफ कोरबी के पशुपालकों ने पशुओं की उचित देखरेख उपचार में सहयोग नहीं करने का गम्भीर शिकायत की। जिसे देखते हुए लापरवाह पशु चिकित्सक अजय सिंह को एसडीएम पोंडी उपरोड़ा संजय मरकाम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।एसडीएम ने जवाब उपरांत इनके खिलाफ आगामी कार्यवाई के लिए सक्षम अधिकारी को प्रतिवेदन भेजे जाने की बात कही है।

पशुमालिकों के लिए ऐसी घटना में मुआवजे का प्रावधान नहीं
इस हृदयविदारक घटना से कोरबी के पशुपालक आर्थिक व भवनात्मक रूप से भी टूट गए है। देवनारायण नामक किसान के 22 मवेशियों की मौत हो गई है। लेकिन राजस्व परिपत्र (आरबीसी )6 -4 के तहत पशुओं की आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि का भी लाभ भी यहाँ के पशुपालकों को नहीं दिया जा सकेगा। दरअसल आकाशीय बिजली ,पानी मे डूबने,व सांप काटने के प्रकरणों में ही सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। मृत मवेशी इसके दायरे में नहीं आ रहे। हालांकि एसडीएम श्री मरकाम ने डीएमएफ या एनआरएलएम से अगर सम्भव हुआ तो सहायता राशि दिए जाने के संबंध में कलेक्टर के संज्ञान में लाए जाने की बात कही है।
सरपंच सचिव ने कराया एफआईआर
इस गम्भीर प्रकरण में सरपंच सचिव ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ बांगो थाने में एफआईआर दर्ज कराया है ।मंगलवार की रात को ही एसडीएम श्री मरकाम गांव के 17 ग्रामीणों का बयान कलमबद्ध कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि गांव में मेडिकल कैम्प से लेकर कोविड प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय स्तर की समस्याओँ के निराकरण के लिए जन समस्या निवारण शिविर भी लगाया जाएगा।
वर्जन
प्रारंभिक जांच में विषाक्त पानी का सेवन पाया गया
टीकाकरण से मौत की आशंकाओं पर विराम लग गया है। मवेशियों की मौत के संदर्भ में विशेषज्ञ चिकित्सकों की प्रारंभिक जांच में विषाक्त पानी के सेवन किए जाने की बात सामने आ रही है। विस्तृत जांच रिपोर्ट आने में अभी कुछ दिन लगेगा। टीम यहाँ रुककर जांच कर रही हैं।कर्तव्य निर्वहन में लापरवाह पशु चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
संजय मरकाम ,जांच अधिकारी सह एसडीएम पोंडी उपरोड़ा