एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना के खिलाफ ढाई दशक बाद फिर फूटा जनाक्रोश ,बरकुटा के प्रभावितों ने 3 घण्टे ओवरबर्डन का काम रोका, उत्पादन हुआ प्रभावित

प्रबंधन ने गुरुवार को वार्ता के लिए किया आमंत्रित ,नोकरी व विस्थापन की अनदेखी से नाराज हैं 300 एकड़ जमीन देने वाले प्रभावित

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। 300 एकड़ जमीन के भू अधिग्रहण के ढाई दशक बाद भी नोकरी व विस्थापन की समुचित व्यवस्था नहीं करने से नाराज एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के प्रभावित ग्राम बरकुटा के ग्रामीणों ने बुधवार को खदान के ओवर बर्डन का काम रोक दिया। 3 घण्टे तक काम रोकने से एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना का कोल उत्पादन प्रभावित हुआ है।घबराए प्रबंधन ने गुरुवार को वार्ता के लिए प्रभावितों के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया ,जिसके बाद ही प्रभावितों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।

यहाँ बताना होगा कि 27 साल पहले 1995 में एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना द्वारा कोयला खदान के लिए बरकुटा ग्राम के किसानों व ग्रामीणों की करीब 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कोल कंपनी द्वारा किया गया था।इस अधिग्रहण से 185 लोगों को रोजगार के लिए पात्र पाया गया था। जिनकी जमीनें कोयला खदान के लिए ली गई थी उन लोगो को गांव से विस्थापित होना पड़ा। आरोप हैं कि कोयला कंपनी ने जमीन लेने के बाद इन विस्थापन की समुचित व्यवस्था नहीं की । प्रभावित परिवारों में से 100 से ज्यादा लोग आज भी नोकरी के लिए कोयला कंपनी के चक्कर काट रहे हैं।दुर्भाग्य जनक बात यह हैं कि इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सत्ता पक्ष या फिर विपक्ष के नेताओं के सामने जाकर भी न जाने ये अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए गिड़गिड़ा चुके हैं। किन्तु इनकी सुनवाई आजतक नहीं हुई। चाहे लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव इन असहाय लोगों का वोट हासिल करने के लिए नेता अपनी सहानुभूति प्रगट करते हुए काम कराने का बस आश्वासन ही देते रहे।लेकिन कोयला खदान के प्रभावितों को न्याय नहीं मिल पाया। लम्बे समय से अपने अधिकार के लिये संघर्षरत भुविस्थापितों ने लंबित रोजगार की मांग को लेकर बुधवार की सुबह 9 बजे बरकुटा साइट में ओवर बर्डन के काम को रोक दिया।तीन घण्टे तक चले आंदोलन के फलस्वरूप एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में उत्पादन कार्य हुआ बताया जा रहा है।भुविस्थापित आंदोलनकारियों के साथ माकपा सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू व जय कौशिक थे.आंदोलनकारियों की मांग का समर्थन करते हुए,उन्होंने खदान के कार्य को ठप्प करने की चेतावनी दी ।जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन हरकत में आया और उनके अधिकारी आंदोलनकारियों से बात करने पहुंचे । कल आंदोलनकारियों को बातचीत करने कुसमुंडा आफिस में बुलाया गया हैं।