छत्तीसगढ़ : ढाई घण्टे की बैठक के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री सिहंदेव की नाराजगी नहीं हुई दूर, बोले- अब जो कहेंगे सीएम कहेंगे, सदन से उठकर चले गए थे

रायपुर। विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कक्ष में चली ढाई घण्टे की बैठक के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर नहीं हुई है। बैठक के बाद मीडिया से श्री सिंहदेव ने कहा कि वे अपनी बात पर कायम हैं। इस मसले पर अब जो भी कहेंगे वो सीएम कहेंगे।

यहां बताना होगा कि सदन के भीतर शून्य काल के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों पर एफआईआर की कापी पढ़कर सुनाई थी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री खफा हो गए और उन्होंने कहा कि वे भी इंसान हैं। मेरे बारे में और मेरे चरित्र के बारे में सभी जानते हैं। मेरे माता- पिता के व्यवहार और चरित्र से सभी परिचित हैं। उसके बाद भी मेरे उपर आरोप लगाए जा रहे हैं। शासन की ओर से जब तक उन पर लगे आरोपों के बारे कोई स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता, उनका सदन में रहना उचित नहीं है

यह बोलकर श्री सिंहदेव सदन से चले गए थे। वे विधानसभा से बाहर निकल सीधे अपने बंगले पहुंच गए।
इसके बाद टीएस सिंहदेव को मनाने की कवायदें शुरू हुईं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने उन्हें फोन कर चर्चा के लिए वापस विधानसभा बुलाया था। वापस लौटने पर श्री सिहंदेव पहले विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के कमरे में गए। फिर वहां से मुख्यमंत्री के कक्ष में आए। मुख्यमंत्री के कक्ष में करीब ढाई घण्टे चर्चा हुई। इसमें मंत्रीगण भी मौजूद थे।

यह है पूरा विवाद

शनिवार की रात को सरगुजा में रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले पर पत्थर फेंके गए थे। गाड़ी के चालक व गार्ड से बदसलूकी की गई थी। आरोप लगाया गया कि स्वास्थ्य मंत्री के एक रिश्तेदार ने गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में ऐसा किया। घटना को लेकर विधायक बृहस्पत सिंह थाने पहुंच गए। चालक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया। रायपुर पहुंचकर विधायक ने मीडिया के समक्ष हमले के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह को जिम्मेदार ठहराया। इस आरोप के बाद से ही राज्य की राजनीति में हलचलें शुरू हो गईं। विपक्षी दल भाजपा ने भी कांग्रेस का भूपेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया।