दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है…यूपीएसी से छत्तीसगढ़ के सात डिप्टी कलेक्टरों को आईएएस अवार्ड के लिए डीओपीटी को नाम भेज दिया है। वहीं, तीन सीनियर डिप्टी कलेक्टरों का मामला इस बार भी अटक गया है।
इस बार प्रमोशन से बनने वाले आईएएस के सात पदो के लिए 21 डिप्टी कलेक्टरों के नाम भारत सरकार को भेजे गए थे। इनमें तीन नाम सीनियर अफसरों के थे। अरबिंद एक्का 99 बैच, संतोष देवांगन 2000 और हीना नेताम 2002 बैच। गोपनीय चरित्रावली के चक्कर में इन तीनों अधिकारियों का नाम कट गया। आईएएस अवार्ड के लिए सभी सीआर क होना चाहिए। लेकिन, तीनों के कई बार सीआर ख मिला है।
इसके बाद पीएससी के चर्चित 2003 बैच के नाम थे। इसको लेकर लोगों में सबसे अधिक कौतूहल थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्ति निरस्त कर दी थी और वे सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर चल रहे हैं। पीएससी में डिप्टी कलेक्टर बनने से चुकी वर्षा डोंगरे ने डीओपीटी और यूपीएससी में जाकर फरियाद की थी कि इन्हें आईएएस न अवार्ड किया जाए। लेकिन, छत्तीसगढ़ से गए अफसरों ने डीपीसी में तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला हुआ है। और, स्टे में प्रमोशन नहीं रोका जा सकता। इसके बाद इस शर्त पर डीपीसी ने पीएससी 2003 बैच के सात डिप्टी कलेक्टरों को आईएएस अवार्ड करने हरी झंडी दे दी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला अगर प्रतिकुल आया तो सभी को अपना पद छोड़ना होगा।
जिन डिप्टी कलेक्टरों को आईएएस अवार्ड के लिए यूपीएससी ने डीओपीटी को नाम भेजा है, उनमें जयश्री जैन, चंदन त्रिपाठी, फरिया आलम सिद्दकी, प्रियका मोहबिया, तुलिका प्रजापति, संजय कन्नौजे और सुखनाथ अहिरवार शामिल हैं। सूत्रों का कहना है, एकाध हफ्ते के भीतर इन्हें आईएएस बनाने डीओपीटी से नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा