डीएमएफ का ऐसा हाल ,पसीना सूख गया पर 2 माह से नहीं मिली मजदूरी , सरपंच-सचिव भी हुए कर्जदार

पाली ब्लॉक के पंचायतों में डीएमएफ से कराए कार्यों का भुगतान अटका,भटक रहे सरपंच सचिव

कोरबा ।पसीना सूखने से पहले मजदूरों को मजदूरी भुगतान का दावा जिला खनिज संस्थान न्यास मद से कराए गए कार्यों में बेमानी सी साबित हो रही है। पाली जनपद अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में डीएमएफटी के तहत जिला प्रशासन द्वारा कराए गए ग्राम विकास के विभिन्न कार्यों जैसे सीसी रोड, नाली, पुल- पुलिया, रिटर्निंग वाल, भवन निर्माण में नियोजित मजदूरों को 2 साल से मजदूरी नहीं मिली । यही नहीं उक्त कार्यों को पूर्ण कराने के 2 साल पश्चात भी सरपंचों को निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान नही मिल पाया है जिससे सरपंच- सचिव कर्जदार हो गए हैं।

सरकारें रामराज्य की कल्पना करती हैं और इसे लेकर काम करने की भी नसीहत समय-समय पर देते रहे हैं। रामराज्य तो तब है जब मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसके हाथ में उसका मेहनताना मिल जाए। वर्तमान में तो ऐसे अनेक विभाग हैं जहां अधिकारियों की कार्यशली के कारण मजदूर को पसीना तो क्या खून सूखने के बाद भी मजदूरी नहीं पाई है। बता दें कि पाली जनपद अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों को जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद से विकास के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी जहां पंचायतों द्वारा स्वीकृत कार्यों को समय पर पूर्ण करा लिया गया तथा उन कार्यों के भुगतान संबंधित फाइलें जनपद कार्यालय में जमा करा दिया गया जिन फाइलों को अधिकारियों द्वारा दो माह पूर्व जिला कार्यालय भी भेज दिया गया है किंतु जिसका भुगतान आज पर्यन्त नही होने से सरपंच- सचिव कर्जदार हो गए है और मुह छुपाते फिर रहे हैं। कारण दबी जुबान में संबंधित अधिकारी बता रहे है कि जिला प्रशासन द्वारा सभी पंचायतों के खातों से राशि आहरण पर रोक लगा दी गई है। डीएमएफ मद से स्वीकृत निर्माण कार्यों का राशि भुगतान नही होने से उधार मटेरियल सामाग्री खरीदी का भुगतान भी दुकानदारों को नही किया जा सका है जिसके कारण सरपंच- सचिव दुकानदार के तकादे से परेशान है तो दूसरी ओर निर्माण कार्यों में नियोजित ग्रामीण मजदूरों का भी मजदूरी भुगतान लंबित रहने से वे भी सरपंच के घर का चक्कर दर चक्कर काटने को मजबूर है। ऐसे में गांव के गरीब ग्रामीण मजदूरों के लिए त्योहार भी फीका हो गया है और उन्हें दूसरों का मुह ताकना पड़ रहा है तो सरपंच- सचिव आर्थिक संकट से जूझ रहे है। डीएमएफ मद से निर्माण कार्य कराए ग्राम पंचायतों के ग्रामीण मजदूरों की मांग है कि उनका मजदूरी भुगतान जल्द से जल्द किया जाए जबकि कर्जदार व तकादे से परेशान सरपंच- सचिव जिला प्रशासन से भुगतान की उम्मीद लगाए बैठे है। इस दिशा पर जिला प्रशासन को संज्ञान लेने की महती आवश्यकता है। ताकि इन दिनों राशि भुगतान संकट से गुजर रहे सरपंचों- सचिवों को राहत मिले और गांव के गरीब ग्रामीणों को उनके खून- पसीने की कमाई का पैसा भी मिल सके।