कोरबा सीईओ गोपाल मिश्रा लंबी मेडिकल लिव पर गए ,कलेक्टर ने करतला सीईओ को सौंपी जिम्मेदारी
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा।जनपद पंचायत करतला के सीईओ राधेश्याम मिर्झा को जनपद पंचायत कोरबा सीईओ का प्रभार दिया गया है। जनपद सीईओ कोरबा गोपाल मिश्रा के अस्वस्थता के कारण लंबे चिकित्सा अवकाश में जाने की वजह से प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए यह बड़ी जिम्मेदारी दी है।
यहाँ बताना होगा कि जनपद सीईओ कोरबा गोपाल मिश्रा अस्वस्थ चल रहे हैं। उन्होंने ईलाज स्वास्थ्य लाभ के लिए लंबी चिकित्सा अवकाश ले रखी है। जनपद पंचायत का कार्य सीईओ की अनुपस्थिति में प्रभावित न हो इसे देखते हुए कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने करतला जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा की कार्यदक्षता व कार्यशैली पर भरोसा जताते हुए उन्हें कोरबा जनपद सीईओ का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है। सीईओ श्री मिर्झा को प्रशासनिक सहित आहरण संवितरण का पूरा प्रभार देकर पूरी शक्तियां दी गई है। ताकि जनपद पंचायत का कार्य किसी तरह प्रभावित न हो। सीईओ श्री मिर्झा ने गुरुवार प्रभार ले लिया है। जहाँ जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। सीईओ श्री मिर्झा ने कहा है कि उन पर कलेक्टर ने भरोसा जताते हुए जो जिम्मेदारियां दी है उस पर खरा उतरकर टीम वर्क के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करेंगे।
डिप्टी कलेक्टरों को प्रभार देने की परंपरा की समाप्त
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू अपने अलग कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। प्रशासनिक व्यवस्था में ढिलाई या कोताही उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं। जिले में पदस्थापना के 3 माह में ही अपनी कार्यशैली से उन्होंने इसका संकेत दे दिया है। जनपद सीईओ कोरबा के अस्वस्थता के बाद पूर्व परंपरा के तहत कयास लगाए जा रहे थे कि किसी डिप्टी कलेक्टर को जनपद सीईओ का प्रभार दिया जाएगा। लेकिन कलेक्टर श्रीमती रानू ऐसे सारे कयासों पर विराम लगाते हुए जनपद सीईओ करतला को सीईओ कोरबा के अतिरिक्त प्रभार के लिए उपयुक्त समझा । इसके पीछे कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की सोंच ये रही कि जिले में बैठे डिप्टी कलेक्टर की तुलना नजदीकी जनपद के सीईओ प्रशासनिक एवं वित्तीय व्यवस्था की जिमेदारी बेहतर ढंग से निर्वहन कर सकते हैं। पूर्व कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में कोरबा में जनपद सीईओ का वित्तीय प्रभार डिप्टी कलेक्टरों को देने की चलन चल रही थी। करतला एवं पाली जनपद पंचायतों में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अलग अधिकारी तो वित्तीय प्रभार डीएमएफटी के तत्कालीन नोडल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर आशीष देवांगन को दे दिया गया था। जिसकी वजह से दोनों ब्लाक सफर कर रहे थे। संयुक्त कलेक्टर की कार्यशैली को लेकर भी काफी बवाल हुआ था।सरपंचों के प्रदर्शन रामपुर विधायक की चेतावनी के बाद करतला से आशीष देवांगन हटाए गए थे।पाली में भी सरपंच सचिव खासे नाराज थे। इन सबसे कलेक्टर रानू साहू वाकिफ हैं। लिहाजा उन्होंने इस दोषपूर्ण व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।