हसदेव एक्सप्रेस न्यूज बिलासपुर । जिले के सीपत तहसीलदार तुलसी राठौर के खिलाफ जिले के लिपिक लामबंद हो गए हैं। तहसीलदार की फटकार से लिपिक की मौत और दूसरे लिपिक के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज होने पर लिपिक आक्रोशित हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के आव्हान पर जिले भर के लिपिकों ने बुधवार को तहसीलदार तुलसी राठौर के खिलाफ न्याय रैली निकाली ।
प्रदेश लिपिक वर्गीय संघ शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ,जिला अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में आज हजारों की संख्या में लिपिक नारेबाजी करते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। पुलिस अधीक्षक दीपक झा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। पुलिस अधीक्षक ने न्याय संगत कार्यवाई का आश्वासन दिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बताया कि तहसीलदार तुलसी राठौर की कार्यप्रणाली ही बेहद विवादास्पद है। इससे पहले कोरबा में भी उन पर अधीनस्थ कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत संघ को मिली थी। वर्तमान में लिपिक भरत लाल सूर्यवंशी की तहसीलदार तुलसी राठौर द्वारा प्रताड़ित किए जाने से सदमे में आकर हृदयाघात से मौत हो गई। अपने बचाव पक्ष को मजबूत करने के लिए तहसीलदार तुलसी राठौर ने एक अन्य लिपिक बीपी मिश्रा पर दबाव बनाया। बीपी मिश्रा ने जब सही बात मीडिया और पुलिस को बताने की बात कही,तो तहसीलदार ने लिपिक बीपी मिश्रा के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवा दिया। सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज करने से पहले विभागीय अनुमति आवश्यक है। उन्होंने जिला और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि झूठी एफआईआर को तत्काल निरस्त किया जाए। इस मामले की निष्पक्ष जांच होने तक तहसीलदार तुलसी राठौर को सीपत तहसील से तबादला किया जाए।
यह था पूरा मामला
4 सितंबर 2021 को सीपत तहसील कार्यालय में बिलासपुर में पदस्थ लिपिक भरत लाल सूर्यवंशी को अपने चेंबर में बुलाकर जमकर फटकार लगाई थी। इस फटकार से निराश लिपिक अपने घर चले गए एवं उनके मन में भय समा गया वे सदमे में आ गए और उसी दिन रात 11 बजे हृदयाघात से उनकी मौत हो गई। लिपिक सूर्यवंशी को फटकार लगाते समय अधीनस्थ कर्मचारी सहायक ग्रेड -2 बी पी मिश्रा भी मौजूद थे। उसे भी दबाव में लाने के लिए उनके ऊपर धारा 384 के तहत 1 लाख रुपए की मांग कर रहा है कहके झूठा एफआईआर दर्ज करा दिया। थाने में एफआईआर दर्ज होने से लिपिक न्याय पाने दर दर भटक रहा है। बीपी मिश्रा की उम्र 58 वर्ष के करीब है। उनकी स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में झूठी एफआईआर से तनाव में अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। संघ की मानें तो कार्यालय में नियमों के विपरीत कार्य हेतु कंप्यूटर ऑपरेटर एवं एक वकील के माध्यम से कार्य करने हेतु संघ को जानकारी प्राप्त हुई है। जिसका खुलासा विभागीय जांच से होगा।