कोरबा। जिले में पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं। हसदेव बांध लबालब हो गया है। जिसके चलते 24 घंटे के भीतर दो बार बांध का गेट खोलना पड़ा। बांगो बांध में भी 95 फीसदी जल भराव हो गया है।दोपदर बाद कभी भी गेट खोले जा सकते हैं। इसके साथ ही निचली बस्तियों को आवश्यक सतर्कता बरतने अलर्ट जारी कर दिया गया है।

नदी-नाले उफान पर होने के कारण निचली बस्तियों में पानी भर गया है। इस बार भी हसदेव नदी के किनारे बसे सीतामणी की बस्तियों में पानी भर गया है। लोग अपने सामानों को सुरक्षित निकालने की क़वायद करते रहे। समय रहते सुरक्षित ठिकानों पर शरण नहीं लेने के कारण मुसीबत बढ़ गई है। सूचना के कई घण्टे बाद राहत की बातें सामने आ रही हैं जो नाकाफी हैं।
बारिश को लेकर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी है। कोरबा में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। पाली, पोड़ी उपरोड़ा और ऊपरी इलाके में हो रही झमाझम बारिश का सीधा असर निचले क्षेत्रो में देखने को मिल रहा है। जिले के कमोबेश सभी नदी-नाले उफान पर है। हसदेव बराज की खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इस कारण बुधवार की तड़के हसदेव बांध का एक गेट 12 फिट तक खोलना पड़ा था। वही 24 घण्टे के भीतर ही दूसरा गेट भी खोलना पड़ा है। गुरुवार की सुबह करीब 7.45 बजे हसदेव बराज का 12 और 7 नंबर गेट 12-12 फिट तक खोला गया है। दोनों गेट से करीब साढ़े 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे हसदेव उफान पर है। हालांकि प्रशासन द्वारा निचली बस्तियों में रहने वालो को अलर्ट रहने की हिदायत दे दी गई है।

छलकने की कगार पर है बांगो बांध, दोपहर बाद खुल सकते हैं बांध के गेट
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण जिले का मिनीमाता बांगो बांध पानी से लबालब भर गया है। बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश से बांध का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। बांध का जलस्तर अपने अधिकतम बिंदु से लगभग डेढ़ मीटर ही बचा है। बांध का अधिकतम जलस्तर 359.66 मीटर निर्धारित है और वर्तमान में बांध में 358.30 मीटर तक पानी भर चुका है। बांध में जलभराव की स्थिति को देखते हुए मिनीमाता बांगो बांध परियोजना के कार्यपालन अभियंता ने आज 16 सितम्बर को दोपहर बाद बांध के गेट खोलने की संभावना जताई है।
बांध में भरे पानी की मात्रा के अनुसार गेटो से लगभग एक हजार 500 से दो हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा सकता है। किनारे रहने वाले लोगो की सुरक्षा के लिए दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सूचना जारी की गई है।
बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्राम
बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कौेरीघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि हैं।
गत वर्ष का टूटा रिकार्ड , 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश
कोरबा में अब तक कुल 9324.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश हुई है। यानी सामान्य वर्षा की तुलना में 102.2 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। सामान्य वर्षा की तुलना में सर्वाधिक बारिश दर्री इलाके में 142.3 प्रतिशत, कटघोरा में 111.2 प्रतिशत, पोड़ी-उपरोड़ा में 109.9, हरदीबाजार में 104.6, कोरबा में 91 प्रतिशत, पाली में 88.1 प्रतिशत और करतला में 72.3 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है।