भवन से टपकते पानी,गद्दे के अभाव में कई प्रभावितों ने रात में ही पड़ोसियों के यहाँ ली शरण
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा।पिछले 3 दिनों से रुक कर हो रही झमाझम बारिश शहर के हसदेव नदी के किनारे बसे सीतामणी के श्रमिक परिवारों के लिए कहर बनकर बरपी। इससे सीतामणी के 17 परिवार (16 आंशिक एक पूर्ण ) प्रभावित हुए हैं। इनके मकानों में पानी घुस गया है। कच्ची मकानों में बाढ़ का पानी इस तरह घुसा की राशन ,बर्तन ,कपड़ा के साथ गरीब परिवारों के अरमानों को बहा ले गया। कमर से ऊपर तक भरे पानी के बीच अलसुबह प्रभावित परिवारों ने किसी तरह अपनी जान बचाई।प्रभावितों ने नगर निगम के सीतामणी भवन में शरण ली है। जहां जिला प्रशासन इनके ठहराव एवं भोजन का प्रबंध सुनिश्चित कराया। हालांकि भवन से टपकते पानी गद्दे की व्यवस्था नहीं होने पर कई परिवार सामुदायिक भवन छोंड़कर पड़ोसियों के यहाँ रात बताने शरण लेते नजर आए।
यहां बताना होगा कि विदा ले रही भादो माह जमकर बारिश करा रही है। पिछले 3 दिनों से पूरे प्रदेश में जलभराव की स्थिति निर्मित है। जिले में झमाझम बारिश ने गत वर्ष के सारे रिकार्ड तोड़ डाले हैं। नदी नाले उफान पर हैं। हसदेव नदी में उफान से बांगो बांध सहित दर्री बराज के गेट खोले गए हैं। इसके साथ ही निचली बस्तियों में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रशासन के तमाम हिदायतों के बावजूद निचली बस्तियों से लोग हटने को तैयार नहीं थे। लिहाजा गुरुवार को 17 परिवारों पर बौराये बराज के पानी ने कहर बरपाया। 16 परिवार आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं वहीं एक परिवार पूर्ण रूप से प्रभावित हुआ है।संकट की इस घड़ी में जिला प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया है ।प्रभावितों को सामुदायिक भवन में शरण दी है। कलेक्टर रानू साहू के निर्देशानुसार राजस्व विभाग ने खाद्य विभाग के साथ प्रभावित परिवारों को भोजन कराया। उनके सोने का प्रबंध किया। हसदेव एक्सप्रेस की टीम को जैसे ही सामुदायिक भवन में प्रभावितों के ठहराव के व्यवस्था की जानकारी मिली। टीम सामाजिक सरोकार के तहत प्रभावितों के बीच पहुंच गई। जहां प्रभावित परिवार के सदस्यों सहोद्र बाई ,शकुंतला बरेठ ,हीराबाई महंत ,कमलाबाई ने अपनी बात रखी। प्रभावितों ने प्रशासन की त्वरित व्यवस्था को सराहा ,लेकिन सोने के लिए उचित प्रबंध नहीं करने पर निराश नजर आए। सामुदायिक भवन से पानी टपक रहा था। लिहाजा ऐसे परिवार जिनके पड़ोसियों से मधुर और नजदीकी सम्बंध थे वे रात को ही सपरिवार सामुदायिक भवन से सोने के लिए चले गए। प्रभावित बाढ़ में राशन कपड़ा बर्तन सबकुछ खो चुके हैं। बस उनके पास उम्मीदें ही बची है। जो धीरे धीरे जलमग्न मकान से कम हो रहे बारिश और जिला प्रशासन पर टिकी हुई है । कई परिवारों का कहना था कि नदी का जलस्तर बढ़ने मकान खाली कराने की उन्हें सूचना नहीं दी गई। जिससे वे बराज का गेट खोले जाने से अनभिज्ञ थे। बहरहाल प्रशासन की त्वरित पहल गरीबों के लिए संकट के इस दौर में आशा की किरण साबित हुई है। प्रभावितों ने त्वरित आर्थिक नुकसान का मुआवजा ,कपड़े व अन्य मदद पहुंचाने की कलेक्टर से गुहार लगाई है।
वर्जन
हर सम्भव मदद उपलब्ध कराएंगे
जलभराव से 16 परिवार आंशिक रूप से 1 परिवार पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। प्रभावितों के लिए सामुदायिक भवन में ठहराव की व्यवस्था की गई है। भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रभावित परिवारों को मुहैया कराने का निर्देश दिए हैं। नुकसान का आंकलन कर आरबीसी 6 -4 के तहत निर्धारित मुआवजा भी पात्र प्रभावित परिवारों को प्रदान किया जाएगा। प्रशासन संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद पहुंचाएगा।
रानू साहू ,कलेक्टर कोरबा