200 करोड़ की सड़क बनने में अभी लगेंगे डेढ़ साल ,एसईसीएल के डेढ़ करोड़ की मरम्मत के बाद भी कुसमुंडा मार्ग गढ्ढों से बेहाल,फंस रहे भारी वाहन

जर्जर सड़क में आवागमन बना जंग लड़ने के बराबर,फूट रहा जनाक्रोश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा तक साढ़े 5 किलोमीटर का सफर तय करना किसी जंग लड़ने से कम नहीं। एसईसीएल प्रबंधन की करोड़ों की लागत से मरम्मत के नाम पर की गई खानापूर्ति की वजह से मार्ग इस तरह गहरे जानलेवा चौड़े गढ्ढे व दलदल से अट गया है कि भारी वाहन तक फंस जा रहे। प्रशासन की अनदेखी पर भी लोगों में निराशा व्याप्त है।

यहाँ बताना होगा कि 2 दशक पूर्व सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा तक एसईसीएल द्वारा पक्की सड़क तैयार की गई थी । टू लेन इस मार्ग का उपयोग एसईसीएल द्वारा अपने खदानों के कोयला परिवहन के लिए सर्वाधिक रूप से किया जा रहा है । 5.5 किलोमीटर लंबी इस सड़क में पिछले दो साल से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है । दरअसल कुसमुंडा खदान क्षेत्र गेवरा स्टेशन का फाटक बंद होते ही मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लग जाती है । जिसकी वजह से टू लेन मार्ग वन- वे बन जाता है । वन -वे मार्ग में ही अन्य वाहनों का परिचालन जारी रहता है । लिहाजा यात्री बसों से लेकर दोपहिया वाहन चालक आए दिन जाम में फंस जाते हैं । मार्ग के एक किनारे में जहां नहर है ,वहीं दूसरे किनारे पर गढ्ढे व पेंड पौधे हैं । जिसकी वजह से लोग घण्टों तक जाम में फंस जाते हैं । संकरी सड़क व बाजू से रास्ते नहीं होने के कारण जाम खुलने में घण्टों लग जाता है । आए दिन इस तरह के जाम लगने के कारण लोगों कर साथ साथ छात्र छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । कभी कभी एम्बुलेंस भी जाम में फंस जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कई मर्तबा लोगों ने सड़क पर उतरकर सड़क के लिए प्रदर्शन किया था । इस मार्ग का सर्वाधिक उपयोग एसईसीएल द्वारा किया जा रहा है ।लिहाजा जिला प्रशासन ने एसईसीएल को फोरलेन सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी थी । इंडस्ट्रियल सड़क कॉरिडोर सड़क निर्माण योजना के तहत यह कार्य किया जाना था। इसके अलावा कोयलांचल क्षेत्र की दो और सड़कों को संवारने की जिम्मेदारी दी गई थी । सर्वमंगला से तरदा 8 किलोमीटर एवं तरदा से हरदीबाजार 13.2 किलोमीटर सड़क तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी । इसके लिए सर्वमंगला से कुसमुंडा एक फेस में फोरलेन तो दूसरे फेस में सर्वमंगला से तरदा -हरदीबाजार तक 21 .2 किलोमीटर सड़क एक फेस में तैयार की जाएगी । इस तरह 3 सड़कों का 2फेस में निर्माण करने एसईसीएल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एवं कलेक्टर की पहल पर 200 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता राशि देने की सहमति जताई थी । राशि मिलने के बाद क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग ने सभी सड़कों के लिए अगस्त 2020 में ही संयुक्त टेंडर लगाया था । यह कार्य नागपुर की फर्म एमएमएस को मिला है । मार्च 2023 तक सड़क तैयार किया जाना है। लेकिन अब तक रिटेनिंगवाल ,साईड में नहर का चौड़ीकरण ,तरदा की तरफ जीएसबी का कार्य ही हो सका है। बरसात में कार्य लगभग ठप्प रहेगा। बरसात के बाद ही शेष बचे कार्य जीएसबी ,डीएलसी एवं पीक्यूसी होगा । इस तरह कांक्रीटयुक्त सड़क के लिए अभी डेढ़ साल का वक्त लगेगा।

डेढ़ करोड़ का मरम्मत ,पर कहीं नजर नहीं आता,की गई खानापूर्ति

सड़क निर्माण कार्य में बहुत विलंब हो चुका है। नगर निगम एसईसीएल की पाईप शिफ्टिंग ,वायर शिफ्टिंग,पेड़ों की कटाई एवं अतिक्रमण हटाने में वक्त लगा। वर्तमान में यह मार्ग गहरे गड्ढों एवं कीचड़ से सराबोर हो गया है। एसईसीएल सड़क बनने तक मरम्मत के लिए डेढ़ करोड़ का टेंडर लगाया था।टेंडर प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई। बताया जा रहा है । मरम्मत का भी कार्य कुछ जगहों पर एसईसीएल ने करवाया है लेकिन पूरे मार्ग में मरम्मत के नामो निशान नजर नहीं आते। मार्ग इस कदर खराब हो चुका है।बड़ी बड़ी हाईवा ट्रेलर भी फंस जा रही हैं। दो दिन पूर्व ईमलीछापर चौक में एक बड़ी मालवाहक वाहन क्रमांक सीजी 12 -एस -2848 फंस गया था। जिसकी वजह से अन्य वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बहरहाल कोयलांचलवासियों को शहर तक आवागमन के लिए गढ्ढों एवं कीचड़ से अटे मार्ग में जान हथेली पर लेकर आवागमन करना पड़ रहा है।

वर्जन

एसईसीएल ने खुद कराया है मरम्मत ,बरसात के बाद सड़क निर्माण के कार्य में आएगी तेजी

कुसमुंडा मार्ग में एसईसीएल द्वारा मरम्मत के लिए टेंडर लगाकर कार्य कराए जाने की जानकारी मिली है। बरसात में मिट्टी कार्य संभव नहीं है,लिहाजा फोरलेन सहित पैकेज के सभी सड़कों का निर्माण कार्य बरसात के बाद प्राथमिकता से कराया जाएगा।

ए.के.वर्मा ,ईई पीडब्ल्यूडी