सतना जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य सुविधाओं पर लापरवाही देखने मिली है। रामपुर बाघेलान स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की लापरवाही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रही है। यहां नसबंदी के लिए लाई गई 21 में से 11 महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया गया और ऑपरेशन नहीं किया गया। इन महिलाओं की स्थिति यह हो गई थी कि वे अस्पताल में यहां-वहां दीवार के सहारे व फर्स में पड़ी रहीं और नसबंदी का ऑपरेशन कराने इंतजार करती रहीं लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं किया गया। यहां बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब इन महिलाओं का ऑपरेशन करना ही नहीं था तो इन्हे बेहोशी का इंजेक्शन क्यों दिया गया। यही नहीं बाद में महिलाओं के स्वजनों से बोल दिया गया कि उन्हे अपने घर ले जाएं। इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है। वहीं कलेक्टर अजय कटेसरिया ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच व कार्रवाई करने निर्देशित किया है। सतना से गए थे डॉक्टर:
दरअसल ये घटना बुधवार 11 नवंबर की है। रामपुर बघेलान तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर लगाया गया था जहां 21 महिलाओं को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी के लिए बुलाया गया था, लेकिन 21 में केवल 10 महिलाओं का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। यह ऑपरेशन करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय सतना से सर्जन डॉक्टर एमएम पाण्डेय को भेजा गया था, लेकिन 10 ऑपरेशन के बाद ही वे वापस मुख्यालय सतना चले गए। बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर महिलाओं को फर्श पर पर छोड़ दिया गया। मौके पर न कोई स्टाफ था और न ही कोई डॉक्टर।
कारण बताओ नोटिस जारी:
मामला बढ़ने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एके अवधिया ने कलेक्टर के निर्देश पर एलटीटी सर्जन एमएम पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही एसडीएम रामपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी गई है जो कि तीन दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी।