अधिकारियों के बताए केंद्रों की जानकारी जुटा रहीं नीति आयोग की अधिकारी ,कार्यप्रणाली पर उठे सवाल ,दो दिनों से जिले के स्कूल आंगनबाड़ी का कर रहीं दौरा ,जानकारी नहीं की जाती साझा

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। नीति आयोग दिल्ली की अधिकारी माधुरी पाल जिले में पिछले 2 दिनों से आंगनबाड़ी एवं स्कूलों का विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की मौजूदगी में जानकारी जुटा रही हैं। लेकिन मीडिया को जानकारी साझा नहीं करने से लेकर अधिकारियों के बताए स्कूलों आँगनबाड़ियों की रिपोर्ट संकलित करने से नीति आयोग की भूमिका सवालों के घेरे में है। स्वास्थ्य पोषण एवं शिक्षा के स्तर की जमीनी रिपोर्ट शासन को मिल पाएगी इसकी संभावना बेहद कम प्रतीत हो रही है।

यहाँ बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास प्रभाग (डब्ल्यूसीडी)नीति आयोग में नोडल प्रभाग है ,जो महिलाओं और बच्चों की समग्र उत्तरजीविता ,विकास, संरक्षण और सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करता है । ताकि महिलाओं को आत्मविश्वास गरिमामय तथा आर्थिक और शैक्षणिक योग्यता के साथ जीने और अपने बच्चों को उनकी पूरी क्षमता के अनुरूप विकसित करने के लिए पोषण देने ,उन्हें सुरक्षित ,स्वस्थ और उनके लिए सुरक्षात्मक वातावरण बनाने का दोहरा उद्देश्य पूरा हो सके। इसमें पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करने और बच्चों और किशोर लड़कियों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। नीति आयोग विभाग के कार्यक्रमों और नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर बल देते हुए मार्गदर्शी का करता है। इसके लिए नीति आयोग के अधिकारी समय समय पर आंगनबाड़ी स्कूलों का औचक निरीक्षण कर हितग्राहियों से चर्चा कर जमीनी स्तर जानकारी जुटाकर अपना अभिमत सहित सरकार को आवश्यक फीडबैक भेजते हैं। इन्हीं फीडबैक के आधार पर शासन कार्यक्रमों और नीतियों का निर्धारण करती है व समय समय पर इसमें आवश्यक संशोधन करती है। ताकि सेवाओं कार्यक्रमों में गुणवत्ता बनी रहे। इसी कड़ी में नीति आयोग की अधिकारी माधुरी पाल पिछले दो दिनों से कोरबा जिले के दौरे पर हैं। जहां वो आंगनबाड़ी ,स्कूल का निरीक्षण कर आवश्यक जानकारी जुटा रही हैं।हरदीबाजार व करतला परियोजना के आँगनबाड़ी पहुंच उन्होंने प्रदाय की जा रही सेवाओं से संबंधित आवश्यक जानकारी जुटाई। उनके साथ नीति आयोग की जिला समन्यवक वंदना साहू भी हैं। पर इनके दौरे की खबर न मीडिया में आती है न कोई रिपोर्ट । जबकि कायदे से जनसंपर्क विभाग के जरिए दौरे के दौरान निरीक्षण की सूचनाएं जारी की जानी चाहिए। और अगर यह दौरा गोपनीय रहता है तो फिर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मौजूदगी या उनके द्वारा सुझाए केंद्रों में ही निरीक्षण करना कितना पारदर्शी होगा ये समझ से परे है। माजरा साफ है नीति आयोग अपने दायित्वों का आकांक्षी जिले में शामिल कोरबा में निष्ठापूर्वक निर्वहन न कर महज औपचारिकता का निर्वहन कर रही है।