सांस्कृतिक आयोजन में कोविड गाईड लाईन की उड़ी धज्जियां, अधिकारी बने मूकदर्शक, देखें वीडियो

कोरबा । कोविड-19 के संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा राज्य शासन के निर्देशानुसार तमाम तरह की ऐहतियात बरतने के साथ ही कोविड गाईडलाईन का सख्त पालन करने/कराने की हिदायत बार-बार दी जा रही है। दशहरा उत्सव के अवसर पर अनेक जगहों में जहां कोविड गाईडलाईन का खुला उल्लंघन हुआ वहीं त्यौहार के बाद अब भी उपनगरीय व ग्रामीण अंचलों में समितियों के द्वारा आयोजन कराए जा रहे हैं। इन आयोजनों के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई है या नहीं ली गई, यह विषय गौण है कि किन्तु आयोजन के तौर-तरीके तथा इसमें उमड़ने वाली भीड़ ने जारी हो रहे आदेशों/निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करने/कराने पर सवाल जरूर उठाए हैं। प्रशासन की उदारवादिता और अधिकारियों की मूकदर्शक कार्यशैली को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना गलत नहीं होगा।

एक ओर जहां 3 दिन पहले बुधवारी बस्ती के मैदान में आयोजित छोटे से जागरण कार्यक्रम को रात 11 बजते ही पुलिस ने कोविड गाईडलाईन का हवाला देकर बंद करा दिया, वहीं कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के हरदीबाजार पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम नरईबोध भठोरा में 27 अक्टूबर की रात सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति द्वारा जस जागरण का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में भक्ति के साथ फिल्मी गीतों का संगम रहा लेकिन इस संगम में मौजूद हजारों-हजार लोगों की भीड़ यह बताने के लिए काफी रही कि निर्देशों का पालन वे करना नहीं चाहते। रात करीब 11 बजे प्रारंभ हुआ यह कार्यक्रम दूसरे दिन तड़के लगभग 5 बजे तक चला। ड्रोन कैमरे से लिये गए वीडियो से साफ है कि आखिर स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की नजर से आयोजन को लेकर इतनी बड़ी चूक कैसे और क्यों हुई? यदि सक्षम प्रशासनिक अधिकारी ने आयोजन की अनुमति दी थी तो उसके समय-सीमा का पालन क्यों नहीं कराया?

आयोजन में शामिल होने वालों के लिए किस तरह की गाईडलाईन का पालन कराया गया और यदि इस भीड़ में से कोई संक्रमण की चपेट में आया तो भला उसके लिए जिम्मेदारी किस पर तय होगी? भठोरा में हुए आयोजन में उमड़ी भीड़ और स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा बरती गई उदारता को लेकर उन आयोजनकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं जो छोटे-छोटे कार्यक्रम कराने के लिए दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर काटकर थक गए और उन्हें नियम-कायदों का पुलिंदा थमाया गया। इनका यह भी सवाल है कि क्या कटघोरा विधानसभा के ग्राम भठोरा के लिए प्रशासन ने विशेष छूट दे रखी थी? शहर क्षेत्र में होने वाले आयोजनों के लिए दर्शक संख्या और समय का बंधन है किन्तु उपनगरीय और ग्रामीण अंचलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की उदारता ने इस तरह के बंधन को शिथिल कर रखा है जो कहीं न कहीं कोविड संक्रमण की तीसरी लहर से बचने-बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों में सेंध लगा सकता है।