पहले क्रमबद्ध फिर एक साथ होगी खदानबंदी, बनाई यह रणनीति

कोरबा। भू विस्थापितों की समस्या निराकरण पर ध्यान नहीं दे रहे एसईसीएल के रवैये से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब जिले की चारों कोयला खदानों को बंद करने की रणनीति पर काम किया जाएगा। इसके लिए रविवार को सभी भू विस्थापितों की बैठक दीपका परियोजना प्रभावित ग्राम मलगांव के धरना प्रदर्शन स्थल पर हुई।

इस बैठक में जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद पटेल, जनपद सदस्य उत्तम पटेल और दर्जनों ग्राके सरपंच मलगांव धनकुंवर, अमगांव बृजकंवर, करतली जयपाल सिंह, ढपढप शिवनारायण, अरदा श्रवण कुमार,शुक्लाखार देवेन्द्र सिंह, सुआभोड़ी मीना जगत, बेलटिकरी बसंत कंवर, उपसरपंच संतोष, सिरकीखुर्द सरपंच विजय श्याम, रलिया सरपंच बेबी कुमारी, खोडरी प्रताप सिंह कंवर , पाली कमला कंवर सोनपुरी जतराज भिलाइबाजार , झाबर सभी सरपंचों सहित चयनित ग्राम पुनर्वास समिति के सदस्यगण शामिल हुए।

बैठक में आम राय से तय हुआ है कि सबसे पहले सभी जनप्रतिनिधियों, मंत्री, सांसद, विधायक से भूविस्थापितों की समस्याओं और मांगों का निराकरण करने के लिए आंदोलन के लिए समर्थन की अपील की जाएगी और अपने स्तर पर कार्यवाही की मांग करेंगे । क्रमबद्ध तरीके से अलग-अलग तिथियों में क्रमश: खदानों को बंद किया जाएगा। 8 नवंबर को दीपका परियोजना, 10 नवंबर को गेवरा परियोजना, 12 नवंबर को कुसमुण्डा तथा 14 नवंबर को क्षेत्र के ढेलवाडीह परियोजना को बंद कराया जाएगा। यदि एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी इस पर भी संज्ञान नहीं लेते हैं और समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीरता नहीं दिखाते हैं तो चारों परियोजनाओं में एक साथ अनिश्चितकालीन उत्पादन ठप्प करने का आंदोलन चलाया जाएगा। इसके लिए पृथक से बैठक कर तिथि घोषित की जाएगी।