शासन के आदेशों की डीईओ कार्यालय को नहीं परवाह ,पद से पृथक कर दिया पर रिक्त संस्थाओं में नहीं की व्यवस्था,100 सीटर कन्या छात्रावास की रसोइयां की कलेक्टोरेट में भी 2 माह से नहीं सुनी जा रही फरियाद

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। दस साल तक संजीदगी से सेवाएं देने के बाद सेवाअवधि पूर्ण कर चुके हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन हुए 59 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के 100 सीटर कन्या छात्रावासों से मानदेय के अभाव में पद से पृथक किए गए रसोईया ,सहायक रसोईया एवं चौकीदारों को जिले के अन्य शालाओं छात्रावासों में रिक्त पदों पर कार्य लिए जाने संबंधी आदेश का जिले में पालन नहीं हुआ। पिछले दो माह से कलेक्टोरेट से लेकर डीईओ ,डीएमसी का चक्कर लगाकर थक चुके रसोईयों ने मंगलवार को अधिकारियों पर जानबूझकर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

डीईओ कार्यालय पहुंचे रसोईयों में दिव्यांग कर्मचारी तक शामिल थी। कर्मचारियों ने बताया कि शासन के सेटअप के तहत 100 सीटर कन्या छात्रावासों में 1 मुख्य रसोईया ,2 सहायक रसोईया एवं 1 चौकीदार के पद रिक्त हैं। समग्र शिक्षा वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021 -22 में 100 सीटर कन्या छात्रावास में पद समाप्त कर दी गई है।मानदेय जारी नहीं किया गया है। जिसकी वजह से प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा द्वारा 19 अगस्त को कार्यरत कर्मचारियों को पद से पृथक करते हुए राज्य कार्यालय को अवगत कराने के निर्देश समस्त कलेक्टर एवं जिला मिशन समन्वयक को दिया गया है। आदेश के परिपालन में जिले के पांचों 100 सीटर कन्या छात्रावास में कार्यरत सभी 11 कर्मचारियों को पद से पृथक कर दिया गया है। लेकिन कर्मचारियों को पद से पृथक किए जाने के साथ साथ एक और आदेश भी 1 सितम्बर को जारी किया गया था।प्रबंध संचालक के द्वारा जारी उक्त आदेश में जिले में संचालित अन्य शालाओं छात्रावास में मुख्य रसोईया, सहायक रसोईया एवं चौकीदार के पद रिक्त होने की स्थिति में 100 सीटर कन्या छात्रावासों से पृथक किए गए उक्त कर्मचारियों से नियमानुसार कार्य लिए जाने की व्यवस्था की जा सकती है इस बात का उल्लेख था। लेकिन उक्त आदेश का पालन जिले में आदेश के 2 माह बाद भी नहीं कराया जा सका।इस बीच कर्मचारियों की मानें तो वो 2 बार कलेक्टर एवं कई मर्तबा डीईओ डीएमसी के समक्ष फरियाद लगा चुके हैं। जहां डीईओ डीएमसी कलेक्टर के पास प्रकरण भेजे जाने की बात कह अपने कर्तव्यों से इति श्री कर रहे हैं। तो वहीं कलेक्टोरेट से फाईल ढूंढ़वाने की बात कही जा रही है। जिससे बेरोजगार महिलाओं में निराशा व्याप्त है ।