एसडीएम बीईओ के एजेंट बने हैं शिक्षक ईश्वर , स्टेनो पद से हटाने अधिकारी नहीं दिखा रहे दिलचस्पी ,9 साल से अध्यापन छोंड एसडीएम पोंडी कार्यालय में संलग्न

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । पिछले 9 साल से वनांचल स्कूल का अध्यापन कार्य छोंड़कर एसडीएम कार्यालय पोंडी उपरोड़ा में स्टेनो बने प्राथमिक शाला आमाखोखरा के सहायक शिक्षक ईश्वर जायसवाल के संलग्नीकरण सहित मूल विभाग के लिए भारमुक्त नहीं करने के पीछे एसडीएम एवं बीईओ जिम्मेदार हैं। एसडीएम एवं बीईओ के लिए एजेंट की तरह कार्य करने वाले शिक्षक को हटाने दोनों अधिकारी आगे नहीं आ रहे। जिसकी वजह से न केवल शिक्षा विभाग की फजीहत हो रही है वरन राजस्व अधिकारी की कार्यशैली भी सुर्खियों में है।

संलग्नीकरण की दोषपूर्ण व्यवस्था भले ही शासन ने कागजों में समाप्त कर दी हो पर जिले में यह कभी समाप्त नहीं होगा। पोंडी उपरोड़ा सहित जिले में संलग्नीकरण समाप्त किए जाने के 6 माह बाद भी शिक्षक मूल संस्था के लिए भारमुक्त नहीं हुए हैं। इन शिक्षकों में पोंडी उपरोड़ा ब्लाक में पदस्थ एक ऐसे शिक्षक भी हैं जो करीब 9 साल से एसडीएम पोंडी उपरोड़ा के कार्यालय में स्टेनो के पद पर पदस्थ हैं। इस बीच आधा दर्जन से अधिक एसडीएम आए और चले गए । पर मजाल है कि कोई इन्हें यहाँ से हटा सकें। ये वनांचल प्राथमिक शाला अमाखोखरा में पदस्थ शिक्षक ईश्वर जायसवाल हैं। इनका कलेक्टर रानु साहू की फटकार के बाद डीईओ ने बैक डेट में 23 मार्च 2021 को संलग्नीकरण समाप्त कर मूल शाला में भेजने आदेशित कर दिया। खुद डीईओ सतीश पांडेय स्थानान्तरण आदेश में मुंगेली चले गए पर शिक्षक ईश्वर आज भी स्टेनो के पद पर कार्यरत हैं।आदिवासी बाहुल्य वनांचल स्कूल आमाखोखरा के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है।दरअसल ईश्वर एसडीएम एवं बीईओ के प्रसाद पर्यन्त स्टेनो के पद पर बने हुए हैं। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में यह अनोखा मामला होगा जिसमें एक शिक्षक का संलग्नीकरण समाप्त करने अधिकारी आगे नहीं आ रहे।

बीईओ चलाते हैं एसडीएम कार्यालय !

ज पोंडी उपरोड़ा एसडीएम अरुण खलखो और बीईओ एल एस जोगी की जुगलबंदी किसी से छिपी नहीं है। ऑफिशियल एवं पर्सनल एक दूसरे के बेहद खास दोनों अधिकारियों का एक दूसरे के कार्य क्षेत्र में प्रभाव देखा जा सकता है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पोंडी बीईओ की एसडीएम कार्यालय के अधिकांश फैसलों में सीधे दखलंदाजी रहती है। पटवारियों ,आरआई की अनुभाग के अंदर हटाने हल्कों में पदस्थ करने में भी बीईओ के सुझाव की खासी अहमियत होती है।

एसडीएम की कांग्रेस नेता ने की थी शिकायत

पोंडी उपरोड़ा एसडीएम अरुण खलखो के कार्यशैली से सत्तापक्ष के जनपतिनिधि ही नाराज हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक हाल ही में कलेक्टर रानु साहू के समक्ष ब्लाक के एक बड़े कांग्रेस नेता ने इनकी कार्यशैली की शिकायत की थी। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की समझाईश के बाद शिकायतकर्ता नेता जी के तेवर ठंडे पड़ गए। या यूं कहें शिकायत समझौते के तहत टोकरी में डाल दी गई।

सांसद की शिकायत पर पाली संलग्न किए गए थे बीईओ जोगी

बीईओ एल एस जोगी की कार्यशैली पूरे ब्लाक में चर्चित रही है। जिला प्रशासन शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंककर मनमाने तरीके से संलग्नीकरण करने कागजों में ही उच्च अधिकारियों की फटकार के बाद संलग्नीकरण समाप्त करने की इनकी कार्यशैली सुर्खियों में रही है। शिक्षकों की प्रताड़ना की शिकायत सांसद तक पहुंचने पर सांसद की शिकायत पर डीईओ ने 27 अगस्त 2021 पोंडी बीईओ को पाली एवं पाली बीईओ को पोंडी संलग्न कर दिया था ।लेकिन बाद में वे फिर मूल जगह पर आने में सफल रहे।