सागौन के तस्करों तक नहीं पहुंचे वन अमले के हाथ, सेमल पकड़कर खानापूर्ति

डीएफओ और रेंजरों से नहीं संभल रही जंगल की सुरक्षा
कोरबा-कटघोरा – कटघोरा वनमंडल के जंगल तस्करों के हवाले कर दिए गए हैं। जंगल के भीतर ही भीतर ईमारती महत्व के सैकड़ों वृक्ष आरा लगाकर काट दिए जा रहे हैं और जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले लोग बेखबर हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि डीएफओ से लेकर रेंजर, प्रभारी रेंजरों से जंगल की सुरक्षा संभाले नहीं संभल रही है। ईमारती कीमती पेड़ों को काटने वाले तस्कर इनकी पहुंच से दूर हैं लेकिन छोटी-छोटी कार्यवाही कर अपने दामन को दागदार होने से बचाने की कोशिश जरूर हो रही है।

कोरबा जिले के कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पसान रेंज के लैंगा सर्किल व कर्री बीट के अंतर्गत खम्हरिया, बैगा मोहल्ला व गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही की सीमा से लगे जंगल में सक्रिय तस्करों के द्वारा बड़े-बड़े सागौन वृक्षों की आरा से कटाई करने का मामला खटपट न्यूज ने उजागर किया। मामला उजागर होने के बाद वन विभाग हरकत में आया और चंद ले जब्त कर अज्ञात लोगों पर वन अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की खबर आम कराई गई। खटपट न्यूज ने इस पूरे मामले में जानकारी लेने डीएफओ शमा फारुखी को कई बार फोन लगाया किन्तु उन्होंने फोन उठाना और रिप्लाई करना जरूरी नहीं समझा। डीएफओ की संवादहीनता न सिर्फ पेड़ कटाई के मामले में बल्कि वन मंडल के अंतर्गत कैम्पा व अन्य मदों से हो रहे निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार पर भी निरंतर बनी हुई है। एक ओर जहां वे जानकारी देने से गुरेज करतीं हैं वहीं दूसरी ओर वन मंडल के रेंजर अपने हिसाब से जंगल संभाल रहे हैं। इनके द्वारा जहां कीमती वृक्षों को तस्करों के सुपुर्द कर दिया जा रहा है वहीं मामला उजागर होने पर कार्यवाही के नाम खानापूर्ति भी हो रही है। खानापूर्ति की कड़ी में वन अमले ने सोल्ड ट्रैक्टर में भरकर जीपीएम जिला ले जाए जा रहे 15 नग सेमल का ला जब्त किया है। मातिनदाई बेरियर के पास जब्ती की यह कार्यवाही की गई है। आरोपी दूधनाथ जायसवाल वाहन चालक एवं रामनारायण गोंड़ दोनों निवासी ग्राम कुम्हारीसानी के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
0 कार्यवाही बता रहे जंगलों के बर्बाद होने की कहानी
वन विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही यह बताने के लिए काफी है कि जंगल इनसे संभाले नहीं संभल रहा। आखिर जंगलों के भीतर जाकर पेड़ों को काटने में वक्त तो लगता होगा और इन ल_ों को जंगल के भीतर या जंगल के मुख्य रास्ते में वाहन खड़ा कर लोड करने में भी समय लगता होगा, तो इस बीच वनों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रेंजर, डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड, वन सुरक्षा समिति के सदस्य आखिर क्या करते हैं? सागौन के बेशकीमती वृक्षों की कटाई का मामला सामने आने पर अपनी सक्रियता जताने के लिए नाकों पर जांच शुरू की गई है। यदि यह जांच सक्रिय होती तो सागौन के तस्कर भी पकड़ लिए जाते।