बरमकेला महानदी किनारे बसे गांव के खेत में पहुंचा तेंदुआ, मचा हड़कंप, दहशत के चलते ग्रामीण घरों में कैद, वन विभाग ने कराई मुनादी

रायगढ़ टॉप न्यूज । छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के बरमकेला अंतर्गत महानदी के भीतर कछार जमीन पर नौघटा निवासी कृषक के मूंगफली लगे खेत में किसी जंगली जानवर के पदचिन्ह दिखे जाने के बाद आसपास गांव में सनसनी मची हुई है. मामले की जानकारी मिलने पर वन विभाग बरमकेला की टीम पहुंची लेकिन किस जानवर के पदचिन्ह है इसे बता पाने में असफल रही. फिलहाल विभाग के अधिकारियों ने किसी हिंसक जानवर आने की आशंका में गांवों में सतर्कता हेतु मुनादी कराई जा रही है.


सोमवार सुबह दो -तीन फोटो वायरल होने लगा. जिसमें वन परिक्षेत्र के ग्राम नौघटा व पिहरा के महानदी किनारे खेत पर हिंसक जानवर तेंदुआ दिखने व उसके पदचिन्ह के बताए गए. ऐसे में इसकी सूचना वन विभाग बरमकेला को दी गई. एक टीम काफी देर में यानि दोपहर तीन बजे मौका स्थल पर पहुंची. महानदी के भीतर मूंगफली लगे खेत पर किसी जंगली जानवर के पदचिन्ह मिले. लेकिन टीम के अधिकारी अर्जुन लाल मेहर वन परिक्षेत्राधिकारी बरमकेला व वनरक्षक प्रकाश खूंटे इस पदचिन्ह को पहचानने में असफल रहे.

हालांकि ग्रामीणों का मानना है कि पिछले सप्ताह के रविवार को सीमावर्ती जिले महासमुंद के सराईपाली के बोंदा में तेंदुए देखा गया था और सारंगढ़ गोमर्डा अभ्यावरण के अधिकारियों ने उससे लगे हुए गांवों में सतर्कता बढ़ा दी थी. ऐसे में यहां भी उसी हिंसक जानवर के आ धमकने की आशंका से ग्रामीण चिंतित है. ग्रामीणों की माने तो तेंदुए या चिता के पदचिन्ह है. फिलहाल वन विभाग के अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है. परंतु गांव आसपास में सतर्कता हेतु मुनादी कराने की बात कही जा रही है. वही पदचिन्ह चार दिन पहले की होना बताया जा रहा है. फिर भी आसपास में किसी जंगली जानवर को लेकर सनसनी व दहशत मची हुई है.

नहीं बुलाए सरपंच अथवा खेत मालिक को
सरपंच गजपति डनसेना ने बताया कि पदचिन्ह पहचान के लिए वन विभाग की टीम ने किसी स्थानीय जनप्रतिनिधि अथवा खेत मालिक देवनाथ पटेल को बगैर बुलाए चुपचाप चली गई. इससे विभाग की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे है. टीम कब आई और चली गई पता भी नहीं चला ? मामले की पुष्टि के लिए वन परिक्षेत्राधिकारी अर्जुन लाल मेहर से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका मोबाइल स्वीच आफ बताया