धान परिवहन के लिए इस बार खास इंतजाम, ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग की निगरानी मोबाइल एप से

छत्तीसगढ़ में इस सीजन के धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 1 दिसंबर से प्रस्तावित है। धान खरीदी के बाद उसके परिवहन के लिए मार्कफेड ने इस बार खास इंतजाम किया है। बताया गया है कि धान के उठाव के समय ट्रकों की लोडिंग में लगने वाले समय की निगरानी के लिए एनआईसी के माध्य से एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन (एप) बनाया गया है। परिवहन का ठेका लेने वालों को यह एप्लिकेशन अनिवार्य रूप से स्मार्ट फोन या टैबेलेट में डाउनलोड करना होगा। उपार्जन केंद्र से लेकर संंग्रहण केंद्र एवं धान का परिवहन करने वालों पर नजर बनी रहेगी।

रायपुर. छत्तीसगढ़ में इस सीजन के धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 1 दिसंबर से प्रस्तावित है। धान खरीदी के बाद उसके परिवहन के लिए मार्कफेड ने इस बार खास इंतजाम किया है। बताया गया है कि धान के उठाव के समय ट्रकों की लोडिंग में लगने वाले समय की निगरानी के लिए एनआईसी के माध्य से एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन (एप) बनाया गया है। परिवहन का ठेका लेने वालों को यह एप्लिकेशन अनिवार्य रूप से स्मार्ट फोन या टैबेलेट में डाउनलोड करना होगा। उपार्जन केंद्र से लेकर संंग्रहण केंद्र एवं धान का परिवहन करने वालों पर नजर बनी रहेगी। राज्य में हर साल सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करती है। हजारों करोड़ रुपए के इस सौदे के बाद धान का परिवहन उपार्जन केंद्र से संग्रहण केंद्र में कराया जाता है। सरकार व स्थानीय प्रशासन के कई तरह के प्रयासों के बाद भी हर साल धान परिवहन के काम में देर होती है। इस साल धान परिवहन में बहुत देर हुई है। हालांकि इस साल कोरोना की वजह से लॉकडाउन के कारण विपरीत हालात बने थे।

परिवहन में देर से नुकसान धान परिवहन में देर से कई तरह के नुकसान होते हैं। पहला तो ये कि उपार्जन केंद्र में धान का परिवहन उठाव देर से होने की वजह से सोसायटियों में धान रखने की जगह नहीं बचती है। ऐसे में सोसायटी को धान खरीदी बंद करनी पड़ती है। इस कारण सोसायटी में धान बेचने आने वाले किसानों को अनाव‌श्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। धान उठाव में देर से धान में सूखत की मात्रा बढ़ती है। सरकार एक प्रतिशत सूखा मान्य करती है, लेकिन इससे अधिक होने पर सोसायटी को घाटा उठाना पड़ता है। धान उठाने में देरी से बेमौसम बारिश,आंधी आदि से भी धान भीगकर खराब हो जाता है। अब सरकार सख्ती भी करेगी प्रदेश के सभी जिलों में धान परिवहन के लिए मार्कफेड़ द्वारा परिवहन ठेका दिया है। अक्सर यह देखने में आया है कि परिवहन ठेकेदार लापरवाही करते हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु होने के तुरंत बाद से परिवहन के मामलों में सख्ती रखी जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 20 मार्च 2021 के पहले जारी किए गए सभी परिवहन आदेशों में 31 मार्च तक संपूर्ण धान का उठाव उपार्जन केंद्रों से किया जाना अनिवार्य होगा। उठाव न करने की स्थिति में उठाव हेतु शेष धान की मात्रा परिवहन राशि का 10 प्रतिशत पेनाल्टी के रूप में वसूली की जाएगी। अन्यथा की स्थिति में विपणन संघ (मार्कफेड)किसी अन्य परिवहनकर्ता से परिवहन करवा कर अंतर की राशि संबंधित परिवहनकर्ता से वसूल करेगा। इसके साथ ही आगामी वर्षों के लिए उस परिवहनकर्ता को काली सूची में डाल दिया जाएगा। वाहनों में लगाना होगा जीपीएस सिस्टम इस बार यह व्यवस्था भी की जाएगी कि परिवहन कर्ता द्वारा धान परिवहन में लगे सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। मार्कफेड खुद ये व्यवस्था करेगा कि वह जीपीएस सिस्टम लगाने वालों को सूचीबद्ध करेगा। परिवहन कर्ता सूचीबद्ध जीपीएस आपूर्तिकर्ताओं से अपने वाहन में जीपीएस सिस्टम लगवा सकेंगे। इसके लिए आने वाले खर्च की वसूली परिवहनकर्ता के बिल से समायोजित की जाएगी।