कर्ज में डूबे पावर प्लांट की संपत्ति कुछ साल पहले बैंक ने की थी जब्त, पुलिस ने FIR दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी। पढ़िए पूरी खबर-
कोरबा। दो ठगों ने कर्ज में डूबे पावर प्लांट को नीलाम कर दिया और ढाई करोड़ रुपये भी ठग लिए। कर्ज में डूबे वंदना पावर प्लांट की संपत्ति को कुछ साल पहले ही बैंक ने जब्त कर लिया था लेकिन दो ठगों ने शातिर तरीके से प्लांट को नीलाम कर दिया। पुलिस ने FIR दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी है। मामला कोरबा के छुरी गांव का है, जहां स्थित वंदना पावर प्लांट को नीलाम कर दिया गया है। हैरानी वाली बात यह भी है कि कर्ज में डूबे वंदना पावर प्लांट की संपत्ति को कुछ साल पहले ही बैंक ने जब्त कर लिया था। अब इसे बेचने का हक उसके मालिक को भी नहीं है। इसके बावजूद दो ठगों ने जालसाजी कर इसकी नीलामी कर दिया। इतना ही नहीं खरीददारों को अंधेरे में रखकर उनसे लगभग ढाई करोड़ रुपये भी ऐंठ लिए। मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने FIR दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी है।
पुलिस ने इस मामले में संजय गुप्ता और वसीम अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया है। इन्होंने ही गलत तरह से नीलामी के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस मामले के मुख्य शिकायतकर्ता शशिकांत के मुताबिक इन दोनों ने उसकी कंपनी जुबलिएंट के साथ धोखाधड़ी की है। जुबलिएंट ने इस फर्जी नीलामी में भाग लेकर एच-1 के बिडर के रूप में बिड को प्राप्त किया, जिसके बाद 5 दिन के अंदर 10 प्रतिशत की राशि जमा की गई। पहले ही जब्त हो चुकी है जमीन दो दिन पहले ही पता चला कि नीलामी में वंदना एनर्जी ने जिस भूमि और भवन का ऑक्शन किया है, उसे बैंक ने 17 अगस्त 2015 को ही जब्त कर लिया है। महाप्रबंधक भू-आवंटन सीएसआईडीसी ने पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि इस भूमि का विक्रय सिर्फ सीएसआईडीसी कर सकती है भूमि का लीज, रेंट चुकता नहीं करने और प्लांट चालू नहीं करने के कारण इसके लीज को निरस्त कर दिया गया। उद्योग का आवंटन भूमि सहित 8 सितंबर 2020 को लिक्विडेटर फर्म-एएए इन्साल्वेंसी प्रोफेशनल एलपीपी के द्वारा कर दिया गया जो पूरी फर्जी है।
तथ्यों को छिपाते हुए भूमि, भवन, बिल्डिंग और प्लांट का ऑक्शन कर दिया गया। इस संबंध में संजय गुप्ता और वसीम अंसारी से संपर्क करने पर गोल-मोल जवाब देकर ईएमडी की राशि को डुबाने की धमकी भी दी गई। संजय गुप्ता और वसीम पर धोखाधड़ी का आरोप है। शिकायतकर्ता के मुताबिक नीलामी में संयंत्र को लेने के बाद संजय गुप्ता और वसीम अंसारी के द्वारा नियुक्त सुरक्षा अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों के माध्यम से लगातार चोरी भी कराई जा रही है। एनर्जी के गलत तरीके से ऑक्शन की शिकायत पर कटघोरा पुलिस ने संजय गुप्ता और वसीम अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। संयंत्र की स्थापना कटघोरा विकासखंड के ग्राम छुरीखुर्द के पास 35-35 मेगावाट की दो इकाई स्थापित करने करीब 8 साल पहले वंदना एनर्जी एंड स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए 29.54 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की थी। कंपनी ने पहले चरण में 35 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की है। कंपनी की 35 मेगावाट संयंत्र की संपत्ति बैंकों ने पहले ही जब्त कर ली है। कंपनी पर 223.71 करोड़ का कर्ज है। किश्त और ब्याज की राशि जमा नहीं की जा रही थी, लगातार नोटिस के बाद संयुक्त रूप से बैंकों ने संयंत्र की जमीन, प्रशासनिक भवन और प्लांट की मशीनरी को जब्त किया है।