3 दिन में भी रिपोर्ट नहीं दे पा रहा मेडिकल कॉलेज ,400 आरटीपीसीआर सैम्पल परीक्षण की क्षमता, आ रहे 1 हजार ,कोविड पाजिटिव को समय पर मेडिसिन किट पहुंचाने में भी निगम लाचार ,दो दिन से बच्चे सहित संक्रमित व्याख्याता कर रहीं दवाई का इंतजार

कोरबा । जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब के दावों की पोल खोलकर रख दी है। लैब में एक दिन में 400 आरटीपीसीआर के सैम्पल के टेस्टिंग क्षमता है। जबकि प्रतिदिन औसतन 900 से 1000 सैम्पल टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। आलम यह है कि टेस्ट कराने के तीसरे या चौथे दिन लोगों को रिपोर्ट मिल रही। इससे संक्रमण और बढ़ने के आसार हैं।

यही नहीं सबसे बड़ी लापरवाही कोविड संक्रमितों तक दवाई पहुंचाने में बरती जा रही है। संक्रमितों तक कोरोना मेडिसिन किट दो दिन बाद भी नगर निगम नहीं पहुंचा पा रहा। जबकि कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने जोनवार वार्डवार दल बनाकर तत्काल संक्रमितों को जरूरी दवाई मुहैया कराने का निर्देश दिया है। नगर निगम क्षेत्र से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बुंदेली में पदस्थ एक व्याख्याता कोविड पॉजिटिव आई हैं उनके साथ उनका 16 वर्षीय पुत्र भी संक्रमित है। मल्लिक मंगलम के आगे बिरसामुंडा नगर दादरखुर्द मार्ग में निवासरत व्याख्याता दो दिन से दवाई का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वे कई बार कंट्रोल रूम को फोन कर इसकी जानकारी दे चुकी हैं जल्द पहुंचाने अन्य दवाई नहीं खाने की सलाह उन्हें दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दवाई के अभाव में उनकी सेहत ठीक नहीं है। अगर हालात बिगड़ते हैं तो आखिर कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा। बहरहाल जोन कमिश्नर की ये घोर लापरवाही लोगों की जिंदगी को सांसत में डाल सकती है। ऐसी लापरवाही बरतने वालों पर जिला प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।