वार्ड क्रमांक 25 नेहरू नगर के कुंआ भट्ठा में 21 लाख में 3 हजार वर्गफीट जमीन बेचा
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा(भुवनेश्वर महतो )। हरदीबाजार तरदा बाईपास सड़क निर्माण में प्रतिबंधित खसरे की भूमि पर सैकड़ों रजिस्ट्री कर शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में चर्चित उप पंजीयक पवन मरावी की कार्यशैली कोरबा में भी बरकरार है। उप पंजीयक ने नियमों को ताक में रखकर 3 साल पुराने चौहद्दी के आधार पर रजिस्ट्री कर दी है।प्रकरण में भू-स्वामी के विरुद्ध अपने स्वामित्व एवं आधिपत्य के भूमि की बिक्री करने के बाद भी उसी खसरे की भूमि को बार बार धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बिक्री करने के मामले में एसपी से लिखित शिकायत कर अपराध दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।तहसीलदार ने शिकायत के बाद परीक्षण तक के लिए नामांतरण पर रोक लगा दी है।
उप पंजीयक कार्यालय कोरबा में नियम कायदे नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। शासन का स्पष्ट निर्देश है पटवारी द्वारा तैयार चौहद्दी में 6 माह के भीतर रजिस्ट्री किया जाना चाहिए लेकिन उक्त नियमों का उप पंजीयक कार्यालय कोरबा में पालन नहीं किया जा रहा है एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। पटवारी हल्का नंबर 9 रानि मंडल कोरबा, तहसील कोरबा के वार्ड क्रमांक 25 नेहरू नगर स्थित खसरा नम्बर 197 /1 एवं 199 /4 में भूस्वामी द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बार बार बटांकन कर भूमि की बिक्री करने की शिकायत सामने आई है। एमआईजी-27 नेहरू नगर कोरबा, तहसील कोरबा ,जिला- कोरबा छत्तीसगढ़ निवासी संदीप कुमार शर्मा पिता जुगल किशोर शर्मा ने पुलिस अधीक्षक को उक्त प्रकरण में शिकायत की है। शिकायतकर्ता के अनुसार खगेंद्र मनहर पिता सेवक राम मनहर निवासी आदिले चौक पुरानी बस्ती कोरबा ,तहसील व जिला कोरबा छत्तीसगढ़ के स्वामित्व एवं आधिपत्य के नाम की भूमि ग्राम कोरबा प.ह.न. नंबर 16 राजस्व निरीक्षक मंडल कोरबा तहसील व जिला कोरबा छत्तीसगढ़ में खसरा नंबर 197 / 1 एवं 199 / 4 में उसके द्वारा विक्रय कर दिया गया है । अपने स्वामित्व एवं आधिपत्य के नाम की भूमि का विक्रय करने के बाद भी उसी खसरे की भूमि को बार-बार धोखाधड़ी व कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए भूस्वामी द्वारा बिक्री किया जा रहा है जबकि वर्तमान में उसके रकबे में 57 डिसमिल भूमि शेष दिखाया जा रहा है उक्त व्यक्ति के द्वारा पंजीयन कार्यालय में पंजीयन क्रमांक cg 057115012022004 दिनांक 07.01.2022 के द्वारा विक्रय कर दी गई है जिसकी नामांतरण की कार्रवाई लंबित है । जो कि फर्जी है। इस तरह उसके द्वारा राजस्व विभाग को गुमराह किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने एसपी को एक ही भूमि को बार-बार फर्जी तरीके से विक्रय करने वाले खगेंद्र मनहर के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
3 साल पुरानी चौहद्दी में आंख मूंदकर की रजिस्ट्री

भू-स्वामी खगेंद्र मनहर पिता सेवक राम मनहर 54 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती कोरबा ने अपने स्वामित्व एवं अधिपत्य की वार्ड क्रमांक 25 नेहरू नगर कुंआ भट्ठा स्थित मुख्य मार्ग से लगी (गैर आदिवासी )भूमि खसरा नम्बर 197 /1 में से रकबा 0.027 हेक्टेयर (3 हजार वर्गफीट ) भूमि श्रीमती शशि कला साहू उम्र 35 वर्ष पति सत्येंद्र कुमार साहू निवासी क्वार्टर नंबर ओडी -12, छ.ग रा.वि.मंडल कॉलोनी कोरबा पूर्व तहसील -कोरबा, जिला कोरबा को बाजार मूल्य के आधार पर 21 लाख रुपए में बिक्री की है। 6 जनवरी 2022 को हुई रजिस्ट्री में गम्भीर लापरवाही बरती गई है।सेवानिवृत राजस्व निरीक्षक द्वारा माह अप्रैल 2019 को जारी चौहद्दी के आधार पर 6 जनवरी, 2022 को अर्थात 2 साल 9 माह बाद रजिस्ट्री हुआ है। आशंका यह जताई जा रही है कि वर्तमान पटवारियों के द्वारा भूमि विवादास्पद पाए जाने से चौहद्दी नही दिए जाने के कारण सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक से बैक डेट में फर्जी तरीके से चौहद्दी बनवा कर रजिस्ट्री करवाई गई है। रजिस्ट्रार ने भी आंख बंद करके दस्तावेजो का परीक्षण किए बगैर रजिस्ट्री कर दी ।
शिकायत के बाद नामांतरण पर तहसीलदार ने लगाई रोक

उक्त प्रकरण की गम्भीर शिकायत के बाद राजस्व विभाग भी हरकत में आ गया है तहसीलदार कोरबा ने शिकायत के गंभीर विषय वस्तु को देखते हुए प्रकरण में परीक्षण कराए जाने तक नामांतरण पर रोक लगा दी है । यहाँ बताना होगा कि जिले में कलेक्टर रानू साहू के निर्देश के बाद ऑनलाइन नामांतरण में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है पटवारियों के मिसल एवं अधिकार अभिलेख में प्रतिवेदन के आधार पर ही नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है जबकि पूर्व में प्रतिवेदन की अनिवार्यता नहीं थी जिसका परिणाम सामने है।
क्या कहता है नियम
शासन के नियमानुसार पटवारी द्वारा जारी चौहद्दी रजिस्ट्री के लिए अधिकतम 6 माह तक की समयवधि के लिए वैध रहती है भले ही डायवर्टेड भूमि पर कलेक्टर की अनुमति ली गई हो इसके बाद भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिस चौहद्दी के आधार पर वर्तमान खसरा बी- वन,खसरा लगाकर रजिस्ट्री की जा रही है वर्तमान चौहद्दी भी उसमें लगाया जाना आवश्यक है।तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में कलेक्टर न्यायालय से 26 मार्च 2021 को परिवर्तित भूमि के बिक्री की अनुमति जारी की गई थी। लेकिन उप पंजीयक पवन मरावी ने वर्तमान चौहद्दी मंगाना सुनिश्चित करना आवश्यक नहीं समझा या यूं कहें कि उक्त नियमों को दरकिनार कर पंजीयन कर दिया।
तो क्या शासकीय जमीन को निजी बता बना दी चौहद्दी , क्रेता को कब्जा दिलाने पर होगा खुलासा

जिस तरह की गंभीर शिकायतें व दस्तावेज प्राप्त हुए हैं उससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कहीं आजू बाजू के खसरे की शासकीय भूमि को तो चौहद्दी में दर्शाकर रजिस्ट्री तो नहीं करा दी गई । क्योंकि भू -स्वामी पर उक्त खसरे की भूमि को कई बार बटांकन कर बिक्री किए जाने का गंभीर आरोप है। ऐसे में सड़क और नाली के लिए सुरक्षित रखे जाने वाले जमीन के साथ अन्य जमीन को भी रिकार्ड में दर्शाकर बिक्री न कर दी गई हो। क्रेता को कब्जा दिलाए जाने के दौरान ही वास्विकता सामने आएगी।
पटवारी व राजस्व निरीक्षक का नक्शे में हस्ताक्षर व चिन्हांकन नहीं

विक्रय शुदा प्रश्नाधीन भूमि का ऑनलाइन भुइयाँ नक्शा में खसरा नम्बर 197 अभी मूल नम्बर ही है
जबकि उक्त खसरे का कइयों बटांकन वर्तमान अभिलेख में हो चुका है। बिक्री बैनामा दस्तावेज में संलग्न नक्शे में पटवारी या राजस्व निरीक्षक का उक्त खसरे की किस हिस्से की भूमि का विक्रय किया जा रहा है। तत्सम्बन्ध में लाल स्याही से चिन्हांकन और हस्ताक्षर ही नही है। भूमि की रजिस्ट्री के पश्चात विवाद की स्थिति में क्रेता यह सिद्ध ही नही कर पायेगा कि उक्त खसरे की किस हिस्से की भूमि को उसके द्वारा क्रय किया गया है। इस प्रकार से बिना नक्शे में चिन्हांकन और पटवारी/राजस्व निरीक्षक के लाल स्याही से चिन्हांकन और हस्ताक्षर के रजिस्ट्री से क्रेता भविष्य में होने वाले विवाद से अपना हक सुरक्षित कर पाने की स्थिति में नही रहता है और अनावश्यक रूप से विभिन्न न्यायालयों/थाना कचहरी में न्याय के लिए गुहार लगाते रहता है।शासन द्वारा द्वारा नियमानुसार नक्शे में चिन्हांकन के बाद ही रजिस्ट्री के निर्देश पंजीयन विभाग को दिए गए हैं। किंतु उक्त निर्देशों का मनमानीपूर्वक पालन जिले में पंजीयन विभाग द्वारा नही किया जा रहा है
वर्जन
कलेक्टर अनुमति से किया रजिस्ट्री
कलेक्टर की अनुमति के उपरांत विधिवत रजिस्ट्री की गई है। कलेक्टर अनुमति के दौरान लगी चौहद्दी रजिस्ट्री के लिए मान्य रहती है।
पवन मरावी ,उप पंजीयक कोरबा