उत्तर प्रदेश । उत्तर प्रदेश के चुनावी महासमर में इन दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक की चर्चा है।भाजपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सहारनपुर के रहने वाले 56 वर्षीय अभिनंदन पाठक का कहना है, मैंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर टिकट की गुजारिश की थी लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
खुद को मोदी भक्त बताने वाले अभिनंदन का कहना है, भारतीय जनता पार्टी मुझे अनदेखा कर सकती है, लेकिन मैं विधानसभा चुनाव जरूर लडूंगा।कौन हैं अभिनंदन पाठक, भाजपा से कैसे जुड़े और भाजपा से खफा होने के बाद भी पार्टी की क्यों मदद करना चाहते हैं? जानिए इन सवालों के जवाब…
चुनाव हारे, तंगहाली से जूझे और मोदी से मिले तो भाजपाई हो गए
वह कहते हैं, 1999 में सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मैंने अपनी सारी जमापूंजी झोंक दी थी, लेकिन सब खत्म हो गया।मेरी पत्नी मीरा पाठक ने मुझे तलाक दे दिया। मेरे छह बच्चे हैं. मैंने घर को छोड़ दिया। तब से पत्नी ने कभी भी संपर्क नहीं किया। मेरी पत्नी मेरे दो बेटों के साथ रहती है। मैं नेता बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूं।पीएम मोदी से इनकी मुलाकात 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में हुई थी।वह कहते हैं, उस दिन से मैंने अपना जीवन पीएम मोदी को समर्पित कर दिया है।
भाजपा से नाराजगी भी और पार्टी को सपोर्ट भी
रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनंदन का कहना है, मैं एक मोदी भक्त हूं, भाजपा मुझे नजरअंदाज कर सकती है लेकिन मैं चुनाव लडूंंगा और दोबारा योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने में मदद करूंगा। वह जिस तरह निस्वार्थ भाव से लोगों के लिए काम कर रहे हैं, मैं उनकी प्रशंसा करता हूं।वह कहते हैं, यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ने मुझे टिकट देने से इंकार किया है।
अभिनंदन के मुताबिक, उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में भाजपा के लिए प्रचार किया लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मेरा तिरस्कार किया। उन्होंने मेरे रहने तक की व्यवस्था नहीं की। रमन सिंह ने मुझसे से कहा, उन्हें चुनाव जीतने के लिए असली या नकली मोदी की जरूरत नहीं है. मेरे अभिशाप के कारण वो सत्ता से बाहर हो गए।
कांग्रेस में भी शामिल हुए पर रास न आई पार्टी
अभिनंदन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से प्रचार किया और पीएम मोदी के लिए वोट मांगे।लेकिन भाजपा से नाराजगी होने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए. राहुल गांधी ने इन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में नामांकन भरने के बाद अभिनंदन ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अंतत: कांग्रेस रास न आई और भाजपा के प्रति मोह बना रहा।