कोरबावासियों की सेहत के लिए प्रशासन फिक्रमंद : ब्लड प्रेशर, शुगर, सिकलिंग और खून की कमी जांच के लिए लगेंगे कैंप,
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

कोरबा । जिले के नागरिकों के ब्लड प्रेशर, शुगर, सिकलिंग और खून की कमी जांच के लिए शिविर का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिला स्तरीय शिविर आयोजित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने ब्लड प्रेशर, शुगर, सिकलिंग और एनीमिया की जांच के लिए कैंप लगाने विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कैंप में टेस्ट के उपरांत चिन्हांकित मरीजों का ट्रैकिंग कर इलाज करने में भी सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर ने कैंप के लिए आवश्यक टेस्ट किट की व्यवस्था और अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की कार्य योजना भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान ओपीडी, आईपीडी, सर्जरी, पैथोलॉजी एवं डेंटल ओपीडी आदि की जानकारी ली। उन्होंने सामान्य प्रसव और सिजेरियन प्रसव की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने जिला अस्पताल के अतिरिक्त डॉक्टरों को जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांग जनों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र समय में बनाने के निर्देश दिए। जिससे दिव्यांग जनों को शासकीय योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। कलेक्टर श्रीमती साहू ने 16 मार्च से शुरू हो रहे 12 – 14 वर्ष के बच्चों के कोविड टीकाकरण की सभी तैयारियां पूरी करने के भी निर्देश दिए। साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का बूस्टर डोज भी लगवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कैंप के लिए आवश्यक टेस्ट किट की व्यवस्था और अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की कार्य योजना भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. बी. बी. बोडे सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

कलेक्टर श्रीमती साहू ने वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए जरूरी उपाय करने दिए निर्देश

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। उन्होंने ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की सहभागिता से गांवों व शहरों में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया इत्यादि मच्छरों द्वारा फैलते हैं। उन्होंने मच्छरों की बढ़ोतरी रोकने के लिए मार्च और अप्रैल महीने में सभी तालाबों में गंबूजिया और गुप्पी मछली छोड़ने को कहा है। उन्होंने मछली पालन विभाग से समन्वय कर गंबूजिया और गुप्पी मछली मछलियां प्राप्त कर तालाबोे में छोड़ने के निर्देश दिए है। उन्होंने मच्छरों को रोकने भवनों के दरवाजों व खिड़कियों में यथा संभव जाली लगवाने के लिए लोगों को जागरूक करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए है। उन्होंने नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एक गंबूजिया मछली दिन में 300 लार्वा तक खा सकती है। इसलिए यह बायो वेक्टर नियंत्रण में प्रभावी होगा।