रायपुर | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवा रंग सर्वोच्च बलिदान और त्याग का रंग है, लेकिन भाजपा केवल पाने और हड़पने के लिए यह रंग धारण करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के झंडे में भगवा और हरा रंग तो है, लेकिन शांति प्रतीक सफेद रंग नहीं है, इसी वजह से वे लोग अशांति फैलाते हैं। बघेल ने शनिवार को यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए यह बातें कहीं।
दरअसल खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज के कहा था कि छत्तीसगढ़ में यदि कोई भी भगवा पहनता है तो भूपेश सरकार उसे कुचलने का काम करती है। सनातन धर्म की संस्कृति को मिटाने का काम भूपेश बघेल कर रही है।
शनिवार को इसका जवाब देते हुए बघेल ने कहा कि रंग को धर्म से जोड़ना गलत है। हरा प्रकृति का रंग है और भगवा सर्वोच्च त्याग का परिचायक है। भगवा घर-संसार सहित सब कुछ त्याग देने वाले हमारे साधु-संतों का रंग है। बघेल ने प्रश्न किया कि भाजपा के नेताओं ने कौन सा त्याग किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई एक नेता बता दें कि उसने क्या त्याग किया है।.
इसलिए मैं कहता हूं कि भाजपा के लोग केवल हड़पने के लिए भगवा धारण करते हैं। कांग्रेस के झंडे का उल्लेख करते हुए बघेल ने कहा कि हमारे झंडे में बलिदान का प्रतीक केशरिया रंग सबसे ऊपर है। इसके बाद शांति का प्रतीक सफेद रंग है। इसके बाद हरा और फिर हमारा प्रतीक चिह्न है।
अनैतिक तरीके से सीएम बने मामा हमें न सिखाएं नैतिकता पत्रकारों से चर्चा के दौरान बघेल ने मप्र के मुख्यमंत्री सिंह पर सीधा हमला बोला। कहा कि वैसे भी मामा (शिवराज सिंह) अनैतिक तरीके से मुख्यमंत्री बने हुए हैं। उनके पास बहुमत नहीं था। ऐसे सत्ता लोलुप मामा हमें नैतिकता न सिखाएं और अपने यहां हो रहे भ्रष्टाचार को संभालें। छत्तीसगढ़ में हर भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई हो रही है।
कका के आगे मामा कहां टिकेंगे मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया था। इस पर जब बघेल से सवाल किया गया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कका (चाचा) के आगे ममा कहां टिकेंगे। बता दें कि लोग इन दिनों बघेल कका कह कर संबोधित कर रहे हैं।