रायपुर । महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदेशभर के शिक्षकों ने 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। महंगाई भत्ते की मांग को लेकर दो दिन 11 और 12 अप्रैल को स्कूल जाएंगे और स्थानीय स्तर पर हड़ताल करेंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को जिला मुख्यालयों में हड़ताल करेंगे। इसके चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से हो रहा बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 13 अप्रैल को प्रभावित होगा, वहीं स्कूल बंद रहेंगे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने इसका समर्थन किया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर के शिक्षक हड़ताल में शामिल होने के लिए आकस्मिक अवकाश का आवेदन दे रहे हैं। पूरे प्रदेश से यह सूचना मिल रही है कि 13 अप्रैल को बोर्ड मूल्यांकन केंद्र के सभी शिक्षक भी अवकाश ले रहे हैं।साथ ही प्रदेश के समस्त प्राथमिक, मिडिल, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षक भी 13 अप्रैल को अवकाश लेकर हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डा. कोमल वैष्णव, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ कई महिला शिक्षकों ने एसोसिएशन को जानकारी दी है कि वे अपनी अवकाश की स्थिति के आधार पर महंगाई भत्ता की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल होंगी।
यह हो रहा है नुकसान
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि एलबी संवर्ग के शिक्षकों को लंबित महंगाई भत्ता जारी नहीं होने से पांच हजार से नौ हजार तक प्रतिमाह नुकसान हो रहा है। महंगाई भयावह स्तर पर है, जिससे शिक्षक व कर्मचारियों पर भारी बोझ आ गया है। केंद्र व अन्य राज्यो में 34 फीसद महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ में मात्र 17 फीसद महंगाई भत्ता देय है। लंबित महंगाई भत्ते पर बार-बार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया, किंतु अब तक मात्र कर्मचारियों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता ही दिया जा रहा है। अत: लंबित महंगाई भत्ता के लिए संपूर्ण शिक्षकों को आवेदन देकर हड़ताल में अनिवार्य रूप से शामिल होने की अपील छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा की गई है।