हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। राजस्व अमला आलतू फालतू कामों को छोंड़कर मूल कामों में लौट जाएं। कहीं ट्रक पकड़कर वसूली करते हैं तो कहीं लोगों को परेशान करते हैं। ये सब काम राजस्व अमले का नहीं है चाहे आरआई हो या पटवारी ,तहसीलदार हों या एसडीएम । यहां पे पूरा अमला जो सरकार ने जिस काम के लिए दिए हैं उनकी जवाबदारी है कि वो उस काम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें। वसूली के कामों को बंद करें। अगर किसी भी प्रकार की वसूली की शिकायत मिलती है तो आप सब एसडीएम, तहसीलदार ,आरआई ,पटवारी सुन लें 24 घण्टें के अंदर मैं उन्हें सस्पेंड करूंगा ये मैंने तय कर लिया है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल बुधवार को शहर के विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सरकार तुंहर द्वार कार्य्रकम के तहत आयोजित शिविर में कुछ इसी तल्ख लहजे के साथ अपने ही राजस्व विभाग पर बरस पड़े।
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि सभी जो यहां आए वो सुन लें नहीं आए हैं उसे बता दें सरकार ने जो काम सौंपा है उसे ही करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शुरू की गई योजना सरकार तुंहर द्वार का उद्देश्य आवेदन लेकर रद्दी की टोकरी में नहीं डालना है वरन कार्यक्रम की मंशानुरूप उसका त्वरित निराकरण ,सामाधान करना है। उन्होंने कहा कि वे अपेक्षा रखते हैं कि इसी तर्ज पर समस्याओं का त्वरित समाधान हो। तभी कार्य्रकम की मंशा साकार होगी।राजस्व मंत्री के कड़े तेवर देखकर राजस्व अमला भी सन्न रहा। अधिकारी एक दूसरे के बगले झांकते नजर आए। बहरहाल अपने ही निर्वाचन क्षेत्र व जिले में जिस तरह राजस्व मंत्री राजस्व विभाग पर खुले मंच से बरसे उसने साफ कर दिया है कि वे राजस्व विभाग के काम और कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं। यही वहज है कि एक बार फिर वे अपने ही राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर बरस पड़े।राजस्व मंत्री का एक माह के भीतर कोरबा जिला प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशैली पर यह दूसरा बड़ा बयान है। इससे पूर्व उन्होंने सर्वमंगला -कुसमुंडा निर्माणाधीन मार्ग की राशि रोके जाने पर कलेक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए गम्भीर आरोप लगाए थे। डीएमएफ में शिक्षा विभाग के मांग पत्र के बगैर करोड़ों की खेल सामग्री की खरीदी कर विकास कार्यों की राशि बर्बाद करने पर कलेक्टर की शासन से शिकायत की थी। अब राजस्व विभाग की खिंचाई की ये वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।