सर्पदंश से तड़प रहा था बच्चा ,छत्तीसगढ़ के इस प्रसिद्घ सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज करने से किया इंकार ,देवदूत बनकर पहुंची मीडिया तब बची बच्चे की जान

बिलासपुर। कहते हैं चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होता है। जिस तरह से भगवान लोगों को नया जीवन देते हैं, उसी तरह डॉक्टर भी मरीजों के जीवन को बचाने का काम करते हैं, लेकिन कई बार ये भगवान अपना उत्तरदायित्व भूल जाते हैं। ऐसा ही एक वाकया छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में देखने को मिला है। यहां सांप के डसने से तड़प रहे बच्चे को डॉक्टर ने भर्ती करने से मना कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार जिले का सबसे बड़ा अस्पताल सिम्स में ड्यूटी पर तैनात डॉ. अंशुल ने सर्प दंश से पीड़ित हेमू नगर निवासी 14 साल के जिडेंन मरे को एडमिट करने से इनकार दिया। दर्द से तड़प रहे बच्चे के परिजन डॉक्टर से इलाज के लिए दुहाई करते रहे, लेकिन डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा और बच्चे को बिना चेक किए दूसरे अस्पताल में एडमिट करने को कह दिया। इस दौरान सूचना मिलने पर मीडियाकर्मी हॉस्पिटल पहुंच गए। मीडिया के दबाव के बाद डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती किया और उसका इलाज किया ।