कोरबा । शहर के शासकीय प्राथमिक शाला कोरबा टाऊन की हेड मास्टर श्रीमती एच एक्का की लापरवाही की वजह से चोटिल छात्र को जहां उपचार का लाभ नहीं मिला वहीं जब अधिकारियों के संज्ञान में यह बात लाई गई तो जांच में स्कूल में एक्सपायरी डेट की दवाईयां रखा होना पाया गया। हेडमास्टर को नोटिस जारी करने के साथ ही डीईओ द्वारा एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जारी किया गया है। चोटिल छात्र का उपचार बीईओ द्वारा कराया गया। छात्र को लगी चोट तो मामूली है लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा बरती गई लापरवाही काफी गंभीर है।

बता दें कि गुरुवार 23 जून को दोपहर भोजन अवकाश के दौरान कोरबा टाऊन प्राथमिक शाला (थाना स्कूल) में कक्षा पहली का छात्र गिरकर चोटिल हो गया, उसे दांए घुटने में चोट आई। छात्र को स्कूल में ही फर्स्ट एड बॉक्स के जरिए उपचार लाभ मिल जाना चाहिए था लेकिन उसके पिता सुरेन्द्र मनहर को बुलाकर घर भेजा गया। पिता से पूछने पर बताया कि स्कूल में रखी दवा एक्सपायरी हो चुकी है। चूंकि शासन के निर्देश पर सभी स्कूलों में फर्स्ट एड बॉक्स रखा जाना अनिवार्य किया गया है और इसके लिए दर्ज विद्यार्थी अनुसार राशि भी दवा आदि के लिए प्राप्त होती है किन्तु कोरबा टाऊन स्कूल में इसकी अनदेखी की गई। घटनाक्रम से तत्काल कलेक्टर श्रीमती रानू साहू, जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज को अवगत कराया गया।
डीईओ के निर्देश पर कोरबा खंड शिक्षा अधिकारी संजय अग्रवाल के द्वारा विद्यालय पहुंचकर छात्र और उसके पिता को बुलाकर रानी धनराज कुंवर देवी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराया गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईओ के निर्देश पर बीईओ द्वारा निरीक्षण व जांच किया गया। यह काफी गंभीर बात रही कि स्कूल में पाई गई अलग-अलग किस्म की दवाईयां एक्सपायरी डेट की मिली। बीईओ द्वारा तत्काल नई दवाईयां मंगाई गई एवं प्रधान पाठक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उन्होंने भविष्य में ऐसी गलती नहीं होने का आश्वासन दिया है। इस मामले में यह भी पाया गया कि छात्र का प्राथमिक उपचार स्कूल में ही होना था लेकिन एक्सपायरी दवाईयां होने के कारण उपचार में विलंब हुआ और प्रधान पाठक की लापरवाही मानते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा भी की गई है।
0 वर्ष 2018 से एक्सपायरी दवा
प्राथमिक शाला कोरबा टाऊन की प्रधान पाठिका द्वारा बरती गई लापरवाही की हद यह रही कि यहां मिली दवाईयां वर्ष 2018 में एक्सपायर हो चुकी थी। 2020 और 2021 में भी एक्सपायरी हो चुकी दवाईयां मिली जिन्हें नष्ट करने के निर्देश दिए गए। भविष्य में इस तरह की गलती नहीं करने की हिदायत दी गई।

फर्स्ट एड बॉक्स क्रियाशील रखने निर्देश
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज द्वारा सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों एवं शासकीय-अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधान पाठकों को कहा गया है कि आपके विद्यालयों में फर्स्ट एड बॉक्स या तो नहीं है या फिर अनुपयोगी हो गए हैं। इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि सभी विद्यालयों में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्यत: क्रियाशील रखना सुनिश्चित करें साथ ही आवश्यक दवाई की भी व्यवस्था करें। फर्स्ट एड बॉक्स में दवाई का एक्सपायरी डेट देखकर रखें। यदि विद्यालय में एक्सपायरी डेट वाली दवाई रखा होना पाया जाता है तो संबंधित संस्था प्रमुख के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी स्वयं की होगी।