जिले के भी 23 हजार 832 किसान राह तक रहे , 41 समितियों के 49 उपार्जन केंद्रों में 32 हजार 859 किसान बेचेंगे धान ,पहले ही दिन से टोकन के लिए लगेगी कतार
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो ) – प्रदेश सहित जिले में कल एक दिसम्बर से धान खरीदी त्यौहार का शुभारंभ हो जाएगा। लेकिन प्रदेश के 18 लाख 38 हजार 593 किसानों के साथ साथ जिले के 23 हजार 832 किसानों को न्याय की चौथी किस्त का इंतजार है । गत खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान के ऊपर प्रति क्विंटल 685 रुपए की राशि राजीव न्याय योजना के रूप में किसानों ने खाते में जारी कर 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों के धान खरीदने की घोषणा राज्य शासन ने की थी । लेकिन वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य शासन राजीव न्याय की चौथी किस्त किसानों को इस साल की धान खरीदी शुरू होने से पहले नहीं जारी कर सकी। न्याय की चौथी किस्त के इंतजार के साथ प्रदेश के 21 लाख 29 हजार 764 किसान ( कोरबा जिले के 32 हजार 859 किसान ) शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेचेंगे।
यहाँ बताना होगा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व अपने चुनावी जनघोषणा पत्र के माध्यम से प्रदेश के किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था । इस बड़े वादे पर किसानों ने भरोसा जताया और 68 सीटों के साथ कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई ।सत्ता में आते ही सरकार पर गत विपणन वर्ष 2019 -20 में किसानों से किए वादे को निभाने की चुनोती खड़ी हो गई । लेकिन केंद्र सरकार ने कांग्रेस की राज्य सरकार द्वारा 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। केंद्र शासन ने पतला धान 1835 एवं मोटा ,स्वर्णा धान के लिए 1815 रुपए समर्थन मूल्य तय किया । मजबूरन राज्य सरकार को भी इसी दर पर प्रदेश के 18 लाख 38 हजार 593 किसानों से 8 करोड़ 39 लाख 45 हजार 900 क्विंटल (83 लाख 94 हजार 590 मीट्रिक टन ) धान खरीदना पड़ा । लेकिन किसानों सहित विपक्ष के वादाखिलाफी के आरोप से बचने राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के ऊपर 2500 रुपए प्रति क्विंटल के अंतर की राशि राजीव न्याय योजना के तहत किसानों के खाते में जारी करने की घोषणा की । इसके तहत 685 रुपए प्रति क्विंटल अंतर की राशि किसानों के खाते में 4 किश्तों में जारी करने का निर्णय लिया गया । प्रति किश्त किसानों के खाते में 171.25 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कुल 5 हजार 750 करोड़ 29 लाख 41 हजार 500 रुपए की राशि जारी करना था। इस तरह प्रत्येक किश्तों में प्रदेश के 18 लाख 38 हजार 593 किसानों के खाते में 1 हजार 437 करोड़ 57 लाख 35 हजार 375 रुपए जारी करना था । कोरबा जिले के लिहाज से देखें तो यहाँ कुल 42 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 23 हजार 832 किसानों ने 9 लाख 88 हजार 600 क्विंटल धान बेचा था । जिसके तहत प्रति क्विंटल 685 रुपए की दर से कुल 67 करोड़ 62 लाख 79 हजार की राशि 23 हजार 832 किसानों के खाते में जारी करना है । प्रत्येक किश्त में कुल किसानों के खाते में 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार रुपए का भुगतान किया जाना है । लेकिन साल बीत गया ,नया खरीफ विपणन वर्ष 2020 -21 के तहत मंगलवार एक दिसम्बर से धान खरीदी त्यौहार का शुभारंभ होने जा रहा है प्रदेश सहित जिले के किसानों को न्याय की चौथी किस्त नहीं मिली। उन्हें इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा ।
5 समितियों से 8 किसानों ने कटाया टोकन
धान खरीदी के पूर्व दिवस आखिरकार जिले के किसानों ने टोकन कटाने की शुरुआत कर दी । 30 नवंबर को देर शाम तक 5 समितियों से 8 किसानों द्वारा टोकन कटाए जाने की जानकारी मिली है । इनमें तुमान से 3 ,नई समिति कुल्हरिया से 2 एवं पाली,सोहागपुर एवं हरदीबाजार से क्रमशः एक -एक किसानों का टोकन कटा है । तुमान से 156,पाली से 80 ,एवं नई समिति कुल्हरिया से 40 क्विंटल धान का टोकन कटा है । सोहागपुर से 24 तो हरदीबाजार से 30 क्विंटल का टोकन कटा है । इस तरह तीनों समितियों से पहले दिन के लिए 330.4 क्विंटल धान का टोकन कटा है । कुछ समितियों के डाटा अपडेट नहीं होने की वजह से इन आंकड़ों में बढोत्तरी भी हो सकती है । लेकिन इस बार इतना तय है कि धान खरीदी त्यौहार के पहले दिन से ही समितियों में धान की आवक शुरू हो जाएगी।
धान खरीदी के 3 दिन पूर्व 27 नवंबर से प्रदेश के सभी समितियों में ऑनलाइन टोकन कटाए जाने की व्यवस्था की गई थी । लेकिन जहाँ 27 को साफ्टवेयर खराब था वहीं 28 तारीख शनिवार होने की वजह से किसान टोकन कटाने नहीं पहुंचे । 29 को रविवार का शासकीय अवकाश था । लिहाजा धान खरीदी से एक दिन पूर्व 30 नवंबर से टोकन की शुरुआत हो गई । बताया जा रहा है कोरोनाकाल में इस बार किसानों को 3 बार टोकन कटवाने की सुविधा प्रदान की गई है । प्रत्येक टोकन की अवधि पूर्ववत एक सप्ताह तक कि रहेगी ।उस अवधि में किसान अपनी सुविधानुसार समिति में धान लाकर बेच सकते हैं इस साल कोरोना प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से पालन करना होगा ।
इस साल भी केंद्र ने छला,महज 53 रुपए बढाया समर्थन मूल्य
प्रदेश के किसानों के साथ केंद्र सरकार लगातार छलावा कर रही है । एक तरफ कृषि उत्पादकों की कीमतों में हर साल बेतहाशा बढोत्तरी हो रही है । इससे जुड़े फर्म पर केंद्र सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है वहीं दूसरी ओर किसानों को उनके खून पसीने की कमाई का वाजिब दाम मिल सके इसके लिए सरकार संवेदनशील नहीं है । इस साल राज्य शासन ने धान के समर्थन मूल्य में महज 53 रुपए प्रति क्विंटल की बढोत्तरी की है । इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2020 -21 में पतला धान ( ग्रेड -ए ),1888 रुपए तो मोटा एवं स्वर्णा धान 1868 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। गत वर्ष पतला धान 1835 रुपए वहीं मोटा एवं स्वर्णा धान 1815 रुपए की दर से खरीदा गया था । हालांकि इस साल मक्के के समर्थन मूल्य में 90 रुपए की वृद्धि की गई है । गत वर्ष जहाँ 1760 रुपए में मक्के की खरीदी की गई थी ,वहीं इस साल 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदी की जाएगी । जिले में मक्का के लिए इस साल जिले में 2 हजार 686 किसान पंजीकृत हुए हैं ।
कब कब डली राशि एक नजर में
पहली किश्त – 21 मई 2020 ( पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि)
दूसरी किश्त – 20 अगस्त 2020 ( पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती )
तीसरी किश्त – 1 नवंबर 2020 ( राज्य स्थापना दिवस )
फैक्ट फाईल ( कोरबा जिला )
धान खरीदी अवधि – 1 दिसम्बर से 31 जनवरी
लक्ष्य – 12 ,85,000 क्विंटल धान
पंजीकृत किसान – 32 ,859
समिति – 41
उपार्जन केंद्र -49
नई समिति – 14
नए उपार्जन केंद्र – 7
नए किसान – 5,746
पंजीकृत रकबा – 48 हजार 113.6205 हेक्टेयर
पतला धान – 1888 रुपए
मोटा,स्वर्णा – 1868 रुपए
मक्का – 1850 रुपए