सिंहदेव के इस्तीफे के बाद ,अब विपक्ष ने भूपेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने किया ऐलान, छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय को भेजी गई सूचना

रायपुर । टी एस सिंहदेव के इस्तीफे के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी माहौल तेजी से गर्माता जा रहा है। बीजेपी विधायकों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय को भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भेजा है।

इस लिखित प्रस्ताव के माध्यम से सदन में चर्चा की मांग की गई है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मौजूदा के हालात को देखते हुए कांग्रेस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।धरमलाल कौशिक ने आगे कहा, जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सरकार चलाई जा रही है,वह सबके सामने है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो वादे किये थे, वह पूरे नहीं किये और सत्ता में आने के बाद वादाखिलाफी की गई है। यहां पर हत्या, आत्महत्या, सामूहिक ख़ुदकुशी और दुराचार की घटनाएं बढ़ी हैं। राज्य में चोरी और डकैती के मामले बढे है।उन्होंने आगे कहा कि बहुजन समाज पार्टी के हमारे विधायक केशव चंद्रा जी के घर में भी चोरी हो गई है । इसका तात्पर्य जनप्रतिनिधि भी अपने घरों में सुरक्षित नहीं है।अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। आज छत्तीसगढ़ में संवैधानिक संकट की स्थिति निर्मित हो चुकी है, इन सभी बातों ध्यान में रखकर विपक्ष ने भूपेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। हम विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन करेंगे कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करके उसपर चर्चा कराई जाए। इस अविश्वास प्रस्ताव को मंजूर करें क्योंकि अब कांग्रेस सरकार को एक मिनट भी सत्ता में काबिज रहने का अधिकार नहीं है।अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के खिलाफ अन्य दल भी समर्थन में नजर आ रहे हैं। बीजेपी विधायकों ने दावा किया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर उन्हें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से भी समर्थन मिल गया है। इस सबंध में विधानसभा में भाजपा विधायक दल के सचेतक शिवरतन शर्मा ने व्हिप भी जारी कर दिया है। इसका अर्थ है कि प्रस्ताव के समर्थन में सारे विधायकों को एकजुट रहना होगा ।

नहीं जुटाया जा सकेगा जरूरी आंकड़ा

बहरहाल भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ लाये जाने वाले विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सफलता नहीं मिलेगी, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पास 14 विधायक हैं। जोगी कांग्रेस अगर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करती है, तो यह संख्या 17 पहुंच जाएगी। विधानसभा में सत्ताधारी दल कांग्रेस के पास कुल 71 विधायक हैं। ऐसे में सम्पूर्ण विपक्ष यानि बसपा के दो विधायक भी शामिल जाएं, तो भी भूपेश सरकार गिराने के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं जुटाया जा सकेगा।