दुर्ग । भिलाई स्टील प्लांट के टाउनशिप, कैंप और खुर्सीपार एरिया में दो दिन के बाद से गंदे पानी की सप्लाई शुरू होने का संकट मंडरा रहा है। इसके बाद बीएसपी प्रबंधन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।बीएसपी प्रबंधन का आरोप है कि ऐसा जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते हुआ है। उनके पत्र लिखकर मना करने के बाद भी मरोदा डैम में तांदुला जलाशय का गंदा पानी नहर से छोड़ दिया है। ऐसा करके विभागीय अधिकारी यहां की लगभग 10 लाख आबादी की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
बीएसपी के मुताबिक, टाउनशिप क्षेत्र में पानी की सप्लाई मरोदा डैम में स्टोर पानी से की जा रही है। अभी वहां पर्याप्त मात्रा में पानी है। जब पानी कम होता है, तो महानदी जलाशय से पानी लिया जाता है। वहां से पर्याप्त जलापूर्ति हो रही है। बीएसपी पहले तांदुला जलाशय से पानी की आपूर्ति करता था, लेकिन वहां का पानी काफी गंदा और मटमैला है। इस पानी को ट्रीट करने में काफी खर्च आता है। इससे प्लांट का काम तो हो जाता है, लेकिन लोगों के घरों में साफ पानी पहुंचाना बड़ी चुनौती हो जाती है।इस समस्या के चलते बीएसपी प्रबंधन ने एक अगस्त को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को पत्र भी लिखा था कि तांदुला से पानी न छोड़ा जाए। इसके बाद भी वहां के अधिकारियों ने पानी छोड़ दिया है। तांदुला से पानी छोड़ने के बाद बीएसपी के मरोदा डैम में पानी प्रेशर बढ़ता जा रहा है। यदि तांदुला से जलापूर्ति को नहीं रोका गया, तो दो दिनों के अंदर दूषित पानी लोगों के घरों में पहुंचने लगेगा। बीएसपी ने शनिवार को फिर से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर पानी की सप्लाई रोकने की मांग की है।
बीएसपी को इतने पानी की होती है जरूरत
बीएसपी को जलापूर्ति करने के लिए राज्य शासन हर साल तांदुला, खरखरा और गोंदरी डैम के माध्यम से 4 टीएमसी पानी रिजर्व रखता है। इस पानी को बीएसपी अपने मरोदा डैम में स्टोर करता है। यहां से हर दिन 50 हजार क्यूबिक मीटर पानी का उपयोग प्लांट में लौह उत्पादन के लिए किया जाता है, साथ ही 60 हजार क्यूबिक मीटर पानी टाउनशिप वासियों को प्रतिदिन नलों के माध्यम से सप्लाई किया जाता है। लोगों के घरों में शुद्ध पानी पहुंचे, इसके लिए बीएसपी ने अपना वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है। यहां पानी ट्रीट करके लोगों को पीने के लिए सप्लाई होता है।
पहले भी हो चुका है गंदे पानी की सप्लाई का संकट
बीएसपी अधिकारियों की मानें तो तांदुला जलाशय का पानी बहुत गंदा है, जो लोगों की सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। पिछले साल भी यहां का पानी बीएसपी के लिए छोड़ा गया था। इससे टाउनशिप वासियों को दूषित जल की सप्लाई के संकट का सामना करना पड़ा था। कई महीने बाद करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बाद यहां शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू हो पाई थी। फिर से ऐसा संकट न आए, इसके लिए बीएसपी ने जल संसाधन विभाग को पानी न छोड़ने के लिए पत्र लिखा था।
बीएसपी ट्रेड यूनियन ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
बीएसपी ट्रेड यूनियन के नेताओं का कहना है कि जल संसाधन विभाग ने ऐसी गलती कैसे कर दी, ये समझ में नहीं आ रहा है। उनका आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने बीएसपी की छवि को खराब करने के लिए ऐसा किया है। यदि ऐसा न होता तो भला पत्र लिखने के बाद भी ऐसा क्यों किया जाता? ऐसा करके लाखों लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता किया जा रहा है। कहीं न कहीं सफाई मद में भ्रष्टाचार का खेला गया है, इसलिए जबरदस्ती पानी छोड़ा जा रहा है। इस मामले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।