हसदेव एक्सप्रेस न्यूज जशपुर । बम बम भोले ,जब बाबा किलकेश्वर नाथ के जयकारों से किलकिला गूंज उठा। अवसर था शिव को समर्पित पावन सावन माह के अंतिम सोमवार का ,जिले के इस प्रसिद्ध शिव मंदिर में शिवभक्तों की ऐसी भींड़ उमड़ी कि दर्शन निमित्त 2 किलोमीटर तक हजारों भक्तों की कतार लगी रही। आसमान छाए काली घटाओं ,रिमझिम फुहारों के बीच भी भक्तों की आस्था नहीं डिगी । अलसुबह से देर रात मंदिर में आस्था की घण्टी बजती रही। न केवल जिला वरन प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा किलकेश्वर नाथ के दर पर मत्था टेक ,जलाभिषेक कर अपनी मनोवांछित मनोकामना पूरी होने की कामना की ।
सुरम्य वनों से आच्छादित,प्राकृतिक सुंदरताओं से भरे जशपुर जिले के पत्थलगांव अनुविभाग से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर मांड नदी के तट पर अवस्थित किलकिला न केवल एक शानदार व्यू पॉइंट है वरन आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां का प्रसिद्ध शिव मंदिर एवं मंदिर प्रांगण में विराजित काली मंदिर ,जनन्नाथ जी का मंदिर ,राधा कृष्ण मंदिर ,नवग्रह मंदिर ,लक्ष्मीनारायण मंदिर ,हनुमान जी ,नरसिंह जी का मंदिर ,गणेश जी का मंदिर सहित अन्य मंदिर न केवल दर्शनीय हैं वरन भक्तों के मन में आस्था एवं उत्साह का संचार करते हैं। यहां बारहों माह शिवमंदिर प्रांगण में दर्शन निमित्त भक्तों की मौजूदगी बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे दिल से जो भी बाबा किलकेश्वर नाथ के दर पर मत्था टेकने पहुंचते हैं जलाभिषेक करते हैं उनकी नेक मनोकामनाएं बाबा पूरी करते हैं । बाबा के इस महत्ता से वाकिफ भक्त न केवल सावन माह ,महाशिवरात्रि वरन अन्य अवसरों पर भी बाबा के दर शीश नवाने पहुंचते हैं।सावन माह में तो माह भर यहां भव्य मेला लगा रहता है । कमोबेश ऐसा ही साप्ताहिक मेला माघ माह में महाशिवरात्रि के अवसर पर लगता है। मेले में शामिल होने एवं बाबा किलकेश्वर नाथ की पूजा अर्चना करने न केवल आसपास सैकड़ों किलोमीटर दूर से भक्त पहुंचते हैं। पावन सावन माह के अंतिम सोमवार को किलिकिला में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला । जहां हजारों की संख्या में बच्चे बूढ़े जवान सभी भक्तों ने किलकेश्वर नाथ का जलाभिषेक कर मन्नतें मांगी। पूरे सावन माह भर यहां मेला लगा रहा।आयोजन समिति के साथ साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे । ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफों का सामना न करना पड़े।
किलकेश्वर नाथ के परम् भक्त बाबा का आशीर्वाद लेने लगा रहता है तांता ,जितना दोगे आपको आशीष सहित वापस मिलेगा
मंदिर प्रांगण में बाबा किलकेश्वरनाथ के परम भक्त एक बाबा हैं। मंदिर की स्थापना करने वाले परम भक्तों में शामिल बाबा का दर्शन आशीष विशेष फलदायी है। बाबा की लटाओं में श्रद्धा से भक्तगण जितने भी पैसे चढ़ाते हैं वो उन्हें तुरन्त वापस कर देते हैं ,ऐसी मान्यता है शीघ्र ही किसी भी रूप में वो राशि कई गुना होकर भक्तों को मिलती है। यही वजह है बाबा का आशीर्वाद लेने किलकेश्वर नाथ में भींड़ लगी रहती है।
जानें मंदिर का महात्म्य
किवंदती है कि यहां सैकड़ों वर्ष पूर्व किलकिला के घने जंगल मे चरवाहा गाय चराने आते था। उन गायों में से कुछ गाय नित्य प्रतिदिन एक विशेष जगह (शिवलिंग)पर अपना दूध गिराती थीं। एक दिन चरवाहे ने यह देख लिया ,उसने देखा उस स्थल पर शिवलिंग है। उसने तत्काल ग्रामवासियों को इससे अवगत कराया।ग्रामवासियों ने भुफोर (जमीन से निकले )शिवलिंग में भगवान शिव का वास मानकर पूजा अर्चना शुरू कर दी। तुंरत वहां कुछ सेवाभावियों ने मंदिर की स्थापना की गई। जहां नियमित पूजा अर्चना किया जाने लगा। समय के साथ साथ जनसहयोग से मंदिर में अन्य देवी देवताओं की मंदिर बना प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा अर्चना किया जाने लगा। तब से लेकर आज तक मंदिर का विस्तार होते जा रहा है।



